फसल की खेती (Crop Cultivation)

भिंडी की फसल में फल और तना छेदक कीट का हमला पूसा की सलाह से करें बचाव

26 जुलाई 2025, नई दिल्ली: भिंडी की फसल में फल और तना छेदक कीट का हमला पूसा की सलाह से करें बचाव –  देश के कई हिस्सों में भिंडी की फसल पर फल एवं तना छेदक कीट का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। पूसा संस्थान के कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को सतर्क करते हुए समय रहते इस कीट पर नियंत्रण की सलाह दी है। अगर वक्त रहते जरूरी उपाय न किए जाएं, तो यह कीट भिंडी के फूल, फल और तने को नुकसान पहुंचाकर उत्पादन में भारी गिरावट ला सकता है।

कैसे पहचानें फल एवं तना छेदक कीट?

यह कीट भिंडी के तनों और फलों में सुराख करता है, जिससे पौधे का विकास रुक जाता है। कीट के लार्वा फलों के अंदर घुसकर उन्हें खराब कर देते हैं, जिससे भिंडी का आकार विकृत हो जाता है और बाजार में उसकी कीमत घट जाती है।

पूसा संस्थान की रोकथाम सलाह

1. फूल आने से पहले अपनाएं ट्रैप तकनीक:
भिंडी के फूल आने से पहले ही खेत में फेरोमोन ट्रैप या पीला चिपचिपा ट्रैप लगाना शुरू कर दें।

  • पीला चिपचिपा ट्रैप: 20 ट्रैप प्रति हेक्टेयर की दर से लगाएं।
  • यह ट्रैप कीटों को आकर्षित कर पकड़ने का काम करते हैं, जिससे उनकी संख्या में काफी कमी आती है।

2. रासायनिक नियंत्रण:
यदि कीट का प्रकोप बढ़ चुका हो, तो वैज्ञानिकों ने स्प्रे का सुझाव दिया है:

  • स्पाइनोशेड – 200 मिलीलीटर
  • पानी – 200 लीटर
  • इस घोल को एक एकड़ खेत में छिड़कें।

स्पाइनोशेड एक प्रभावी कीटनाशक है, जो फलों और तनों में छिपे कीटों को खत्म करने में मदद करता है, और फसल को दोबारा स्वस्थ स्थिति में लाता है।

किसानों के लिए सुझाव

जैविक विधियों के साथ भी रासायनिक नियंत्रण को संतुलित रूप से अपनाएं।

खेत की निगरानी नियमित रूप से करें, खासकर फूल आने से पहले।

ट्रैप लगाने में देर न करें, क्योंकि शुरुआत में ही रोकथाम करना ज्यादा प्रभावी होता है।

छिड़काव करते समय दिशा और हवा का ध्यान रखें ताकि दवा पूरे पौधों पर समान रूप से लगे।

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