फसल की खेती (Crop Cultivation)किसानों की सफलता की कहानी (Farmer Success Story)

राजस्थान में मौसमी प्रकोप से फसलों की सुरक्षा के लिए संरक्षित खेती को प्रोत्साहन

किसानों को ग्रीन हाउस निर्माण पर 95 प्रतिशत तक अनुदान

14 मई 2023, जयपुर । राजस्थान में मौसमी प्रकोप से फसलों की सुरक्षा के लिए संरक्षित खेती को प्रोत्साहन  – खेती को प्राकृतिक प्रकोपों और अन्य समस्याओं से बचाने तथा जल संरक्षण के लिए प्रदेश के किसानों को अपने खेतों में ग्रीन हाउस तथा शेडनैट हाउस लगाने के लिए 95 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है। राज्य सरकार की इस संवेदनशील पहल से किसान अधिक से अधिक संरक्षित खेती अपनाने के लिए प्रोत्साहित हो रहे हैं और अपने खेतों में ग्रीन हाउस तथा शेडनैट हाउस निर्मित कर कम क्षेत्रफल में अधिक तथा बेहतर गुणवत्ता वाली उपज प्राप्त कर रहे हैं। इस योजना से किसानों को आर्थिक लाभ हुआ है और राज्य सरकार का कृषक कल्याण का सपना साकार हो रहा है।

 राज्य में संरक्षित खेती को बढ़ावा देने के लिए आगामी 2 वर्षों में 60 हजार किसानों को एक हजार करोड़ रुपए का अनुदान दिया जाना प्रस्तावित है। राज्य सरकार द्वारा इस वित्तीय वर्ष में 30 हजार किसानों को 501 करोड़ का अनुदान दिया जाएगा।

Advertisement
Advertisement
ग्रीन हाउस और शेडनैट हाउस ने बदली खेती की तस्वीर

किसान खेती और विशेषकर बागवानी फसलों के लिये ग्रीन हाउस और शेडनैट में खेती कर रहे हैं। इस संरक्षित ढांचे को लगाने के लिये प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही सब्सिडी योजनाओं के कारण किसानों का इस खेती के प्रति आकर्षण लगातार बढ़ रहा है।

ग्रीनहाउस बहुत अधिक गर्मी या सर्दी से फसलों की रक्षा करते हैं, ओलावृष्टि औऱ अतिवृष्टि से पौधों की ढाल बनते हैं और कीटों को बाहर रखने में मदद करते हैं। प्रकाश, तापमान एवं पोषक तत्व नियंत्रण की वजह से ग्रीनहाउस मौसम की विपरीत परिस्थितियों में ज्यादा मुनाफा देता है। जिससे पारंपरिक खेती की तुलना में संरक्षित खेती से उत्पादन एवं गुणवत्ता में कई गुना वृद्धि हुई है। इस तकनीक से गैर-मौसमी फसलें उगाने में भी मदद मिलती है, जिनका बाजार में किसान को अच्छा मूल्य मिलता है। ग्रीन हाउस संरचना से वर्षा जल को संचित कर ड्रिप संयंत्र से सिंचाई की जा रही है। राज्य में इस खेती का एक बड़ा लाभ यह भी है कि इस प्रकार की खेती में पानी की आवश्यकता बहुत कम होती है।

Advertisement8
Advertisement
38 लाख 17 हजार 524 वर्ग मीटर में स्थापित हुए हाउस

संयुक्त निदेशक उद्यान  श्री बी.आर. कड़वा ने बताया कि  विगत 4 वर्षो में अनुदान पाकर किसानों ने  38 लाख 17 हजार 524 वर्ग मीटर में ग्रीन एवं शैडनेट हाउस स्थापित किए हैं। इसमें 34 लाख 10 हजार 936 वर्ग मीटर में ग्रीन हाउस एवं 4 लाख 6 हजार 588 वर्ग मीटर में शैडनेट हाउस का निर्माण किया गया है। श्री कड़वा ने कहा कि इस वित्तीय वर्ष की बजट घोषणा की क्रियान्वित में 36 लाख वर्ग मीटर ग्रीन हाउस और 10 लाख वर्ग मीटर शैडनेट हाउस स्थापित कर कृषकों को लाभान्वित किया जाएगा।

Advertisement8
Advertisement
किसानों को 95 प्रतिशत तक अनुदान

संयुक्त निदेशक उद्यान ने बताया कि ग्रीन एवं शेडनैट हाउस के निर्माण पर सामान्य किसानों को इकाई लागत का 50 प्रतिशत तक का अनुदान देय है। इसी प्रकार प्रदेश के अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के किसानों को 70 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि  राज्य सरकार द्वारा इस वर्ष की बजट घोषणा में अनुदान की राशि बढ़ाते हुए अधिसूचित जनजाति क्षेत्र के सभी कृषकों तथा प्रदेश के समस्त लघु, सीमांत कृषकों को 95 प्रतिशत तक का अनुदान दिये जाने का प्रावधान किया गया है।

4 हजार वर्ग मीटर तक अनुदान देय

श्री बी.आर. कड़वा ने कहा कि किसानों को 500 वर्ग मीटर में ग्रीन हाउस स्थापित करने के लिए 1060 रुपये प्रति वर्ग मीटर, 500 से 1008 वर्ग मीटर के लिए 935 रुपये प्रति वर्ग मीटर, 1008 से 2080 वर्ग मीटर के लिए 890 रुपये तथा 2080 से 4000 वर्ग मीटर पर 844 रुपये प्रति वर्ग मीटर इकाई लागत के आधार पर  पात्रतानुसार 50, 70  अथवा 95 प्रतिशत का अनुदान दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इसी प्रकार शेडनैट हाउस स्थापित करने के लिए एक हजार से 4 हजार वर्ग मीटर पर  710 रुपये प्रति वर्गमीटर लागत के आधार पर नियमानुसार अनुदान दिया जाता है।

राज किसान साथी पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन

ग्रीन हाउस अथवा शेडनैट हाउस स्थापित करने के लिए कृषक राज किसान साथी पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। वहीं किसानों को नक्शा ट्रेश, भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र और मिट्टी एवं पानी की जांच रिपोर्ट के साथ आवश्यक पूर्ण दस्तावेज भी ऑनलाइन प्रस्तुत करने होंगे।

मेवाराम और  प्रहलाद ग्रीनहाउस स्थापित कर बने खुशहाल– जयपुर जिले के ग्राम गुढ़ा बालूलाई निवासी मेवाराम महरिया ने बताया कि वे पहले 16 बीघा जमीन में गेहूं, चना, सरसों की पारंपरिक तरीके से खेती करते थे,  जिससे उन्हें केवल 2 लाख रुपये तक की आमदनी होती थी। मेवाराम कहते हैं कि जब से उन्होंने राज्य सरकार द्वारा अनुदान पाकर 1.5 बीघा में ग्रीनहाउस स्थापित किया है जिसमें अब वे खीरे व शिमला मिर्च  की खेती कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि नवीन तकनीकी से खेती कर अब वे प्रतिवर्ष 6 से 7 लाख रुपये का मुनाफा अर्जित कर रहे हैं।

मेवाराम कहते हैं कि हमारे पास इतना पैसा नहीं था कि हम ग्रीनहाउस लगा सकें लेकिन यह लेकिन यह मुमकिन राज्य सरकार द्वारा अनुदान पा कर हो पाया है और इसके लिए वे मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत का बहुत-बहुत आभार व्यक्त करते हैं। जयपुर जिले के ग्राम तिबारिया निवासी प्रहलाद सिंह भामू ने बताया कि उन्होंने वर्ष 2021 में राज्य सरकार द्वारा अनुदान पाकर 2 हजार वर्ग मीटर में ग्रीनहाउस स्थापित किया था। जिसमें वे खीरे और टमाटर की खेती कर रहे हैं।

Advertisement8
Advertisement

प्रहलाद ने बताया कि जब से उन्होंने ग्रीनहाउस स्थापित किया है तब से उन्हें मौसम की मार नहीं झेलनी पड़ती है। जहां वे पहले 6 बीघा में केवल एक लाख रुपये की आमदनी अर्जित कर पाते थे वहीं अब वे एक बीघा में 8 लाख रुपये तक का मोटा मुनाफा अर्जित कर रहे हैं।

Advertisements
Advertisement5
Advertisement