पपीते में पत्तियों के मुड़ने की समस्या: किसान कैसे बचाएँ अपनी फसल
11 दिसंबर 2025, नई दिल्ली: पपीते में पत्तियों के मुड़ने की समस्या: किसान कैसे बचाएँ अपनी फसल – आज हम बात कर रहे हैं पपीते की, जिसमें पौधों की पत्तियाँ ऊपर की ओर मुड़ने लगती हैं। कई किसान इसे सामान्य कमी या मौसम का असर समझकर
नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन ज़्यादातर मामलों में यह लीफ कर्ल वायरस का संकेत होता है। समय रहते ध्यान न दिया जाए तो पूरा खेत प्रभावित हो सकता है और उत्पादन पर सीधा असर पड़ता है।
समस्या की पहचान और कारण
जब पपीते की नई पत्तियाँ छोटी, सिकुड़ी हुई और मुड़ी हुई दिखाई दें। पत्तियों का रंग हल्का पड़ने लगे और पौधे की बढ़वार रुक जाए। तो समझ लो कि फसल पर लीफ कर्ल विषाणु का प्रकोप शुरू हो चुका है। यह वायरस मुख्य रूप से सफेद मक्खी (Whitefly) के माध्यम से फैलता है। अगर खेत में यह कीट पहले से मौजूद है, तो संक्रमण तेज़ी से बढ़ सकता है। दुर्भाग्य से, कई किसान शुरुआत में इसे पोषक तत्वों की कमी समझ लेते हैं और सही उपचार में देरी कर देते हैं।
प्रभावी रोकथाम और नियंत्रण के उपाय
सबसे पहला और जरूरी काम है संक्रमित पौधों को तुरंत खेत से हटाना। इन्हें खेत में छोड़ देने से वायरस स्वस्थ पौधों तक पहुँच जाता है और पूरा खेत जोखिम में आ जाता है। प्रभावित पौधों को जड़ सहित निकालकर नष्ट कर देना चाहिए, ताकि संक्रमण वापस फैल न सके।
इसके बाद रसायनिक नियंत्रण के तौर पर इमिडाक्लोप्रिड का उपयोग प्रभावी माना जाता है। लगभग 60–70 ml इमिडाक्लोप्रिड को 200 लीटर पानी में घोलकर एक एकड़ क्षेत्र में छिड़काव करें। यह सफेद मक्खी के नियंत्रण में मदद करता है और वायरस के फैलाव को रोकता है। छिड़काव सुबह या शाम के समय करना बेहतर रहता है, ताकि दवा का असर अधिक समय तक टिके।
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