फसल की खेती (Crop Cultivation)

लापरवाही, खड़ी फसल की तबाही

लाखों हेक्टेयर में गेहूं फसल जलकर हुई खाक

(विशेष प्रतिनिधि)

8 अप्रैल 2021, भोपाल । लापरवाही, खड़ी फसल की तबाही – प्रदेश में गर्मी बढ़ते ही खेतों में खड़ी गेहूं फसल पर आगजनी का खतरा मंडराने लगता है। राज्य के कई जिलों में आग लगने की घटनाएं शुरू हो गई हैं। गत दिनों सतना, सागर, कटनी, अशोक नगर, होशंगाबाद, विदिशा एवं धार जिलों में गेहूं फसल जलकर राख हो गई है। कहीं शार्ट सर्किट, कहीं इंसानी लापरवाही की वजह को आगजनी का कारण माना जा रहा है। कई जिलों में नरवाई जलाने के कारण भी अन्य खेतों की फसलें चपेट में आने की खबरें हैं।

अशोकनगर जिले के ग्राम बिल्हेरु में 1200 से 1500 बीघा खेत में खड़ी गेहूं की फसल में अचानक आग लग गई। तेज हवा चलने से खेत में लगी आग 4 किमी तक फैल गई। जिसे बुझाने के लिए 25 से 30 ट्रैक्टरों से खेत में पंजा चलाया। 3 घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। हालांकि अशोकनगर, मुंगावली और चंदेरी से 3 दमकलों को भी बुलाया था। आग बुझाते समय 2 ट्रैक्टर भी जल गए।
बिल्हेरु चक्क के खेतों से आग की लपटें उठना शुरु हुई, इससे पहले कोई कुछ समझ पाता तेज हवा चलने से आग तेजी से बढ़ गई और देखते ही देखते भेड़का, सांवल हेड़ा के खेतों में खड़ी गेहूं की फसल भी आग की चपेट में आ गई। इससे किसानों की 14 से 15 हजार क्विंटल की फसल का नुकसान हुआ है। अपनी उपज को बचाने के लिए किसानों ने ट्रैक्टरों से खेत में पंजा चलाया। आगजनी की घटना से करीब 100 किसानों की फसल का नुकसान हुआ है।

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फसल बचाने में झुलसा किसान, जला ट्रैक्टर

अन्नदाता के सामने ही उसकी उपज आग की चपेट में आ गई। जिसे बचाने के लिए अन्नदाता खुद खेत में उतर गया। ग्रामीण विशन सिंह दांगी ने फसल को बचाने के लिए ट्रैक्टर खेत में चला दिया जिससे न सिर्फ ट्रैक्टर जल गया बल्कि किसान खुद झुलस गया।

सतना जिले में आगजनी से दर्जनों किसानों के गेहूं की खड़ी फसल जल गई। फसलों में आग लगने की घटनाएं प्रतिदिन सामने आने लगी है, प्रशासनिक अमला इन घटनाओं में गम्भीर नही दिख रहा है। जिससे किसानों के अरमानों पर पानी फिर रहा है। सतना के नागौद तहसील के छिंदा ग्राम पंचायत में हुई आगजनी की बड़ी घटना में दर्जनों किसानों के गेहूं की फसल जलकर खाक हो गई।

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कटनी जिले में किसानों की फसलों में आग लगी। इससे किसानों की वर्ष भर की मेहनत खाक हो गई। जिले के बरही, विजयराघवगढ़, रीठी, ढीमरखेड़ा सहित अन्य स्थानों पर लगी आग से किसानों की वर्ष भर की कमाई जल गई। मेहनत से उगाई गई फसल को खेत में जलता देख रोते-बिलखते किसान आग भीषण लपटों के सामने बेबस नजर आ रहे थे। फसल जलने के साथ किसानों द्वारा देखे गए सपने भी खाक हो गए। ये वो सपने थे जिन्हें किसान अपनी इसी फसल को बेचकर पूरा करने वाले थे।

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कैमोर थाना अंतर्गत देवरी मझगवां गांव में आग से करीब 10 एकड़ में लगी गेहूं फसल जलकर राख हो गई। कैमोर थाना प्रभारी अरविंद जैन ने बताया कि ग्राम देवरी मझगांव में आग से किसानों की फसल जली है। उन्होंने बताया कि अभी आंकड़ा देखा जा रहा है कि आग से कितना नुकसान हुआ होगा

जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत सिजहरा में कई एकड़ की फसल में ट्रांसफार्मर के शॉर्ट सर्किट से लगी आग के कारण पूरी फसल नष्ट हो चुकी है।इसमें 2 लोगों का मकान भी जल गया है और उनके घर में रखा हुआ सारा सामान भी जल चुका है।

 

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सरकार आग से फसलों को हुए नुकसान की भरपाई के रूप में किसानों को आरबीसी-6 (4) में राहत राशि उपलब्ध करायेगी।  विगत दिनों कुछ जिलों में आग लगने से हुई फसल-क्षति के सर्वे कराने के निर्देश भी दे दिये गये हैं।

कमल पटेल

कृषि मंत्री, म.प्र.

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फसल के आखरी वक्त पर जब किसान बहुत सी उम्मीदें और सपने संजोए होते हैं, ऐसे में खड़ी फसल में आग लगना मेहनत व सपनों पर कुठाराघात है। पीडि़त किसानों को चिंता करने की आवश्यकता नहीं। किसानों के नुकसान की भरपाई सरकार करेगी।

गोविन्द सिंह राजपूत
राजस्व मंत्री, म.प्र

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