फसल की खेती (Crop Cultivation)

रबी सब्जियों में रोग प्रबंधन की आवश्यकता

4 जनवरी 2021, पोकरणरबी सब्जियों में रोग प्रबंधन की आवश्यकता कृषि विज्ञानं केंद्र पोकरण के कृषि वैज्ञानिकों ने शहर के निकटवर्ती बिलिया ग्राम मे क्षेत्र भ्रमण करके रबी फसलो का निरक्षण किया। केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक बलवीर सिंह ने बताया कि किसान जीरा, चना, सरसों, रायडा इत्यादि की बुवाई कर रखी है जिनमे उचित मात्रा में खाद, फॉस्फोरस के लिए सिंगल सुपर फास्फेट का उपयोग व उचित दूरी पर रखने की आवश्यकता बताई। सब्जियों में मिर्ची, बैंगन, टमाटर की खेती का जायजा बिलिया गाव में किया।

सब्जियों के कीटो एवं रोगों का प्रकोप अधिक होने की संभावना बनी रहती इसलिए किसानो को अधिक सतर्कता की आवश्यकता होती है ताकि रस चूसक कीटो से होने वाले आर्थिक नुकसान को कम किया जा सके। लौह तत्व की कमी से सब्जियों मे पोधों की पतीया सफ़ेद होने लगती है इसके नियंत्रण हेतु फेरस सल्फेट का इस्तेमाल करना चाहिए। पशुपालन वैज्ञानिक डॉ राम निवास ढाका ने बताया  कि खेत में अच्छी तरह से गोबर का खाद, मुर्गियों की बिट, बकरी का खाद आदि का समुचित उपयोग करके किसान रसायनिक खादों का इस्तेमाल कम करके खेती पर आने वाली लागत को कम कर सकते है। उन्होंने किसानो को खेती के साथ साथ पशुपालन, मुर्गीपालन, बकरी पालन एवं मछली पालन करके किसान खेती में होने वाली जोखिम को कम करने की आवश्यकता की बात कही। क्षेत्र भ्रमण के दोरान बिलिया गाव के किसान आदु राम पटेल, भवर सिंह इत्यादि के सब्जियों में आने वाले रोगों व कीटो की समस्याओ का निदान किया ।

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