फसल की खेती (Crop Cultivation)

जानिए म.प्र. के विभिन्न कृषि जलवायु क्षेत्रों हेतु सोयाबीन की कौन सी प्रजातियां हैं उपयुक्त

19 जून 2023, भोपाल: जानिए म.प्र. के विभिन्न कृषि जलवायु क्षेत्रों हेतु सोयाबीन की कौनसी प्रजातियां हैं उपयुक्त – सोयाबीन प्रमुख तिलहनी फसल है। भारत में सोयाबीन का सर्वाधिक उत्पादन मध्यप्रदेश में होता हैं। इसके साथ ही सोयाबीन की खेती देश के कई राज्यों में की जाती हैं। सोयाबीन की फसल जून से जुलाई के बीच बोई जाती हैं एंव अक्टूबर से नवंबर तक यह फसल पक कर कटने को तैयार हो जाती हैं।  सोयबीन की उपज क्षमता अन्य दलहनी फसलों की अपेक्षा अधिक होती हैं और यह मिट्टी को उपजाऊ  बनाती है।

मध्यप्रदेश के विभिन्न कृषि जलवायु क्षेत्रों के लिए सोयाबीन क़िस्में                       

छत्तीसगढ़ के मैदान के लिए कृषि जलवायु क्षेत्र एंव सोयबीन की प्रजातियां- छत्तीसगढ़ के बालाघाट तथा वारासिवनी के लिए सोयबीन की  जे.एस. 335, जे.एस. 93-05, जे.एस. 95-60, जे.एस.97-52, जे.एस.20-34, जे.एस. 20-29, जे.एस. 20-98 प्रजातियां उपयुक्त रहेंगी। 

Advertisement
Advertisement

कैमोर का पठार तथा सतपुडा की पहाडिय़ां के लिए कृषि जलावाय़ु क्षेत्र एंव सोयाबीन की प्रजातियां- कैमोर का पठार तथा सतपुडा की पहाडिय़ां के जबलपुर, कटनी, पन्ना, सतना,रीवां, सीधी, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, मंडला, सिवनी के लिए सोयाबीन की जे.एस.335, जे.एस.93-05, जे.एस. 95-60, जे.एस. 20-34, जे. एस. 20-29, जे.एस. 20-69, जे.एस.20-98, जे.एस.20-116, जे.एस. 20-94 प्रजातियां उपयुक्त रहेंगी।

विन्ध्या के पठार के लिए कृषि जलवायु क्षेत्र एंव सोयबीन की प्रजातियां–  विन्ध्या पठार के भोपाल, सीहोर, विदिशा, सागर, दमोह, रायसेन के लिए सोयाबीन जे.एस. 335,  जे.एस. 93-05, जे.एस. 95-60, जे.एस.20-34, जे.एस. 20-29, जे.एस. 20-98, जे.एस.20-116 जे.एस.20-94 प्रजातियां उपयुक्त रहेंगी।

Advertisement8
Advertisement

मध्य नर्मदा घाटी के लिए कृषि जलवायु क्षेत्र एंव सोयबीन की प्रजातियां–  मध्य नर्मदा घाट के नरसिंहपुर, होशंगाबाद, हरदा के लिए सोयबीन की जे.एस. 335, जे. एस. 93-05, एन.आर.सी. 37, जे. एस. 97-52, जे .एस. 20- 29, जे.एस.20-98, जे.एस.20-116 जे.एस.20-94 प्रजातियां उपयुक्त रहेंगी।

Advertisement8
Advertisement

गिर्द क्षेत्र के लिए कृषि जलवायु क्षेत्र एंव सोयबीन की प्रजातियां–  गिर्द क्षेत्र के ग्वालियर, भिण्ड, मुरैना, शिवपुरी, गुना के लिए सोयाबीन की जे.एस. 335,  जे.एस. 93-05, जे. एस. 95-60, जे.एस. 20-34, जे.एस. 20-29, जे. एस. .20-98, एन.आर.सी.-86, आर.वी.एस. 2001-4,  आर.वी.एस. 24  प्रजातियां उपयुक्त रहेंगी।

बुंदेलखंड क्षेत्र के लिए कृषि जलवायु क्षेत्र एंव सोयबीन की प्रजातियां– बुंदेलखंड क्षेत्र के छतरपुर, टीकमगढ़, दतिया के लिए सोयबीन की जे.एस. 335, जे.एस. 93-05, एन.आर.सी. 37, जे. एस. 95-60, 20-34, जे.एस. 20-29, जे.एस. 20-69, जे.एस. .20-98 प्रजातियां उपयुक्त हैं।

सतपुड़ा के पठार के लिए कृषि जलवायु क्षेत्र एंव सोयबीन की प्रजातियां– सतपुड़ा के पठार के छिंदवाड़ा, बैतूल के लिए सोयबीन की जे.एस.335, जे.एस. 93-05, जे .एस. 95-60, एन.आर.सी.37, एन.आर.सी. 86, 97-52, जे.एस 20-34, जे.एस.20-29, जे.एस.20-69, जे.एस.20-98,  जे.एस. 20-116  जे.एस.20-94 प्रजातियां उपयुक्त हैं।

मालवा के पठार के लिए कृषि जलवायु क्षेत्र एंव सोयबीन की प्रजातियां– मालवा पठार के मंदसौर, रतलाम, राजगढ़, शाजापुर,  उज्जैन,  इंदौर, देवास तथा धार के कुछ क्षेत्रों के लिए सोयबीन की जे.एस.335, जे. एस. 93-05, जे.एस. 95-60, जे.एस. 97-52, जे. एस 20-34, जे.एस.20-29, एन.आर.सी.37, एन.आर.सी. 7, एन.आर.सी. 86, आर.वी.एस. 2001-4, आर.वी.एस. 24, आर.वी.एस. 18, जे.एस.20-116 जे.एस. 20-94 प्रजातियां उपयुक्त हैं। 

निमाड़ की घाटी के लिए कृषि जलवायु क्षेत्र एंव सोयबीन की प्रजातियां– निमाड़ की घाटी के खंडवा, खरगोन, बड़वानी के लिए सोयाबीन की जे.एस.335, जे. एस. 93-05, जे. एस. 95-60, जे.एस.20-34, जे. एस. 20- 29, एन.आर.सी. 37, एन.आर.सी. 86, आर.वी.एस. 2001-4, आर.वी.एस. 24, आर.वी.एस. 18,, जे.एस.20-116 जे.एस.20-94 प्रजातियां उपयुक्त हैं।

Advertisement8
Advertisement

झाबुआ की पहाड़ियों के लिए कृषि जलवायु क्षेत्र एंव सोयबीन की प्रजातियां– झाबुआ की पहाड़ियों के झाबुआ तथा धार का कुछ क्षेत्र के लिए सोयाबीन की जे.एस. 335, जे. एस. 93-05, एन.आर.सी. 7, एन.आर.सी. 86, जे. एस. 95- 60, आर.वी.एस. 18, जे.एस.20-34, जे.एस. 335, जे.एस.93-05, जे.एस. 95- 60 आदि प्रजातियाँ 15 वर्ष पुरानी हैं इनकी खेती को बढावा न दें।   

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्राम )

Advertisements
Advertisement5
Advertisement