फसल की खेती (Crop Cultivation)

खरीफ फसलों में समन्वित खरपतवार नियंत्रण

16 जुलाई 2024, भोपाल: खरीफ फसलों में समन्वित खरपतवार नियंत्रण – भारत में कुल कृषि उत्पादों की वार्षिक क्षति में 45 प्रतिशत खरपतवार द्वारा, 30 प्रतिशत कीटों द्वारा, 20 प्रतिशत बीमारियों तथा 5 अन्य रूप से क्षति होती है तथा देश में प्रतिवर्ष 1980 करोड़ रूपये की क्षति खरपतवारों द्वारा होती है। खरपतवार कृषि की आज की ही समस्या नहीं है अपितु मनुष्य ने जब से कृषि कार्य प्रारंभ किया तभी से उसके साथ है। बोई गई फसल के अतिरिक्त कुछ बिना बोये गये अनचाहे पौधे उग जाते हैं, जो फसल की वृद्धि एवं अधिकतम पैदावार लेने में बाधक होते हैं। इन्हीं अवांछित पौधों को जो बिना बोये ही फसलों के साथ उग जाते हैं खरपतवार कहा जाता है।

खरीफ फसलों के प्रमुख खरपतवार – खरीफ की फसल में उगने वाले खरपतवारों को मुख्यतः तीन श्रेणीयों, चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार, सकरी पत्ती वाले खरपतवार एवं मोथा कुल के खरपतवारों में बांटा जा सकता है।

चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार – इस प्रकार के खरपतवारों की पत्तियां प्रायः चौड़ी होती है तथा यह मुख्यतः दो बीज पत्रीय पौधे होते हैं जैसे हजारदाना, सफेद मुर्ग, बन मकोय, महकुआ, पत्थर चटटा, कनकता, व बड़ी दुधी प्रमुख है।

सकरी पत्ती वाले खरपतवार – इस कुल के खरपतवारों की पत्तियां पतली एवं लम्बी होती है व यह मुख्यतः एक बीज पत्री होते हैं जैसे सावों, कोदो, दूब धारा इत्यादि।

1) निवारक विधिः इस विधि में वे क्रियाएँ शामिल हैं जिनके द्वारा खेतों में खरपतवारनाशकों के प्रवेश को रोका जा सके जैसे प्रमाणित बीजों का प्रयोग अच्छी सड़ी हुई गोबर एवं कंपोस्ट की खाद का प्रयोग, सिंचाई की नालियों की सफाई इत्यादि।

2) सस्य विधिः सस्य विधि के अन्तर्गत खेत की तैयारी अच्छे से करें। प्रथम बार गहरी जुताई क्रमशः उथली करें ताकि खरपतवारों में अधिकांश बीज जो ऊपरी सतह पर रहते है वे अधिक गहराई में दब जायें। इस प्रकार उनके अंकुरण को कम किया जा सकता है। समय से फसल की बुवाई करें पौधों की प्रति इकाई संख्या पर्याप्त रखें। फसल की बोनी कतारों में करें तथा उर्वरकों का प्रयोग कतारों में बीच में ही करना चाहिये।

3) यांत्रिक विधि- खरपतवारों पर नियंत्रण की यह एक सरल एवं प्रभावी विधि है। फसलों की प्रारंम्भिक अवस्था में बुवाई में 15 से 45 दिन के मध्य का समय खरपतवारों से प्रतियोगिता की दृष्टि से क्रांतिक समय है अतः आरंभिक अवस्था में ही फसलों को खरपतवारों से मुक्त रखना अधिक लाभदायक है। सामान्यतः दो निंदाई-गुड़ाई, पहली बुवाई के 20-25 दिन बाद तथा दूसरी 40-45 दिन बाद करने से खरपतवारों का प्रभावी नियंत्रण किया जा सकता है।

4) रासायनिक विधि- खरपतवारनाशी रसायनों का प्रयोग करके भी खरपतवारों को नियंत्रित किया जा सकता है। इससे प्रति हैक्टयर लागत कम आती है। लेकिन इन रसायनों का प्रयोग करते समय यह ध्यान रखना चाहिये कि इनका प्रयोग उचित मात्रा में उचित तरीके से उपयुक्त समय पर हो।

खरीफ फसलों के लिये प्रमुख खरपतवारनाशक निम्न है-

सोयाबीन, बुवाई के तुरंत बाद (0-3 दिन)

खरपतवारनाशकमात्रा प्रति हैक्टेयरप्रभाव
1डाईक्लोसुलम 84 WDG26-30 ग्रामचौड़ी पत्ती
2सेल्फन्ट्राजोन 39.6 SC750 मिलीदोनो प्रकार
3फ्लूमिऑक्साजिन 50 SC250 मिनीचौड़ी पत्ती
4क्लोमाजोन 50 EC1.5-2.00 लीटरदोनो प्रकार

बुवाई के 15-20 दिन बाद

खरपतवारनाशकमात्रा प्रति हैक्टेयरप्रभाव
1हेलाक्सिफॉफ आर मिथाईल 10.5 EC1-1.25 लीटरघास कुल
2इमिजाथाइपर 10 SL1 लीटरघास कुल
3प्रोपाक्विजाफॉफ 10 EC500-750 मिलीघास कुल
4फ्लूथियासेट मिथाईल 10.3 EC125 मिलीचौडी पत्ती

पूर्व मिश्रित खरपतवारनाशक बुवाई के 15-20 दिन बाद

खरपतवारनाशकमात्रा प्रति हैक्टेयरप्रभाव
1सोडियम एसीफ्लोरफेन 16.5% EC + क्लोडीनोफॉफ प्रोपारगील 8% EC1 लीटरदोनो प्रकार
2प्रोपाक्विजाफॉफ 2.5% EC + इमाझेथपायर 3.75% EC2 लीटरदोनो प्रकार
3क्विजालोफॉप इथाईल 10% EC + क्लोरीम्यूरॉन ईथाइल 25% WP375 मिलीदोनो प्रकार
4क्विजालोफॉप 7.5% + इमेजाथपायर 15% EC500 मिलीदोनो प्रकार

धान की सीधी बुवाई हेतु खरपतवारनाशक (0-3 दिन)

खरपतवारनाशकमात्रा प्रति हैक्टेयरप्रभाव
1पेंडामिथलिन 30 EC3.33 नीटरदोनो प्रकार
2पेंडामिथलिन 38.7 CS1.75 नीटरदोनो प्रकार
3प्रेटीलाक्लोर 50 EC1.5 किलो ग्रामदोनो प्रकार
4कारफंट्राजोन इथाइल 40% DF62.5 ग्रामचौड़ी पत्ती

रोपित धान हेतु खरपतवारनाशक

खरपतवारनाशकमात्रा प्रति हैक्टेयरप्रभाव
1फिनॉक्साप्राप पी. ईथाइल 9.3 EC600-700 मिलीसकरी पत्ती
2 साहिलोफॉप ब्यूटाइल 10% EC800 मिनीसकरी पत्ती
3 बिस्पाइरीबैक सोडियम 10% SC250 ग्रामदोनों प्रकार
4क्लोरीम्यूरॉन 10% + मेटसल्फयूरॉन मिथाइल 10% WP20 ग्रामदोनों प्रकार
5 साहिलोफॉप ब्यूटाइल 5.1% + पिनक्सासूलम 1.02% OD2-25 लीटरदोनों प्रकार

अरहर व उड़द के खरपतवारनाशक

खरपतवारनाशकमात्रा प्रति हैक्टेयरप्रभाव
1इमिजाथाइपर 10% SL750 मिलीदोनों प्रकार
2 इमिजाथाइपर 3.75% + प्रोपाक्विजाफॉफ 2.5% EC2 लीटरदोनों प्रकार

मक्का के खरपतवारनाशक

खरपतवारनाशकमात्रा प्रति हैक्टेयरप्रभाव
1टोप्रामीजोन 33.6% SC84-100 ग्रामदोनो प्रकार
2टेम्बोट्रीयॉन 42% SC285 ग्रामदोनो प्रकार
3हेलोसल्फ्यूरॉन 75% WG80-106 ग्राममौथा
4निकोसल्फ्यूरॉन 4% SC1250 मिलीदोनो प्रकार
5निकोसल्फ्यूरॉन 6% OD750 मिलीदोनो प्रकार

तिल के खरपतवारनाशक

खरपतवारनाशकमात्रा प्रति हैक्टेयरप्रभाव
1क्विजालोफॉप पी इथाईल 5% EC1 लीटरसकरी पत्ती।
2फिनॉक्सीप्रॉप पी ईथाइल 9.3% EC1 लीटरसकरी पत्ती।

मूंगफली के खरपतवारनाशक

खरपतवारनाशकमात्रा प्रति हैक्टेयरप्रभाव
1इमिजाथाइपर 10% SL1-1.5 लीटरदोनो प्रकार
2क्विजालोफॉप 7.5% + इमेजाथपायर 15% EC500 मिलीदोनो प्रकार

ज्वार/बाजरा के खरपतवारनाशक

खरपतवारनाशकमात्रा प्रति हैक्टेयरप्रभाव
12,4-D एमाइन साल्ट 58% SL1-1.25 नीटरचौड़ी पत्ती

कपास के खरपतवारनाशक

खरपतवारनाशकमात्रा प्रति हैक्टेयरप्रभाव
1पाइरीथीयोबैक सोडियम 6% + क्विजेलोफॉफ ईथाइल 4% MEC1-1.25 नीटरदोनो प्रकार

गन्ना के खरपतवारनाशक


खरपतवारनाशकमात्रा प्रति हैक्टेयरप्रभाव
1हेलोसल्फ्यूरॉन 6% + मेटाब्यूजिन 55% WG1-1.25 नीटरदोनो प्रकार

खरपतवारनाशकों के उपयोग में सावधानियाँ-

  1. एक हैक्टेयर क्षेत्र में 500 से 600 लीटर पानी के साथ छिड़काव करें।
  2. खरपतवारनाशक की अनुशंसित मात्रा का ही उपयोग करें।
  3. किसी भी दो खरपतवारनाशकों को एक साथ मिलाकर छिड़काव न करें।
  4. खरपतवारनाशकों का छिड़काव करते समय मुंह में मास्क व हाथों में दस्ताने का
    उपयोग करें।
डॉ. स्वप्निल दुबेडॉ. प्रदीप कुमार द्विवेदीश्री सुनील केथवास
वरिष्ठ वैज्ञानिक व प्रमुखवैज्ञानिक (पौध संरक्षण)प्रक्षेत्र प्रबंधक
कृषि विज्ञान केन्द्र, रायसेन

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