फसल की खेती (Crop Cultivation)

जैविक खेती से बनी पहचान

भोपाल। देश की प्रतिष्ठित संस्था रिलांयस फाऊंडेशन जो विगत तीन वर्षों से प्रदेश के विभिन्न जिलों में किसानों को विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से जैविक खेती के लिए जागरूक करने का कार्य कर रही है। इन प्रयासों के सकारात्मक परिणाम भी मिल रहे हैं। ग्राम टिटोरा, ब्लॉक सीहोर एवं जिला सीहोर के जैविक कृषक श्री सुरेन्द्र त्यागी ऐसे ही एक किसान हैं जो रिलायंस फाऊंडेशन द्वारा उनके गाँव में चलाये जा रहे कृषक जागरुकता के कार्यक्रमों से प्रेरित हो कर जैविक खेती की ओर अग्रसर हुए। उनके पास 16 एकड़ भूमि और तीन गाय हंै।
उन्होंने दस एकड़ में गेहूँ, चार एकड़ में चना व दो एकड़ में कलोंजी की फसल लगाई। यूं तो पिछले कई सालों से सुरेन्द्र जैविक विधि से खेती करते थे। परन्तु उन्हें संतोषजनक परिणाम नहीं मिलता था। परन्तु  उन्होंने अपना जुड़ाव रिलांयस फाऊंडेशन की कृषक जागरूकता की गतिविधियों से बनाये रखा। जिसमें कृषि वैज्ञानिकों ने गोबर की खाद, कम्पोस्ट खाद, केंचुआ खाद, गोबर गैस प्लान्ट, पांच पत्ती काढ़ा, जैविक कीटनाशक व मटका खाद आदि बनाने की वैज्ञानिक विधि और प्रयोग का सही तरीक बताया। उन्होंने उस पर अमल किया। श्री सुरेन्द्र त्यागी ने अपनी भूमि से उतना ही उत्पादन प्राप्त किया जितना गाँव के अन्य किसान रसायनिक विधि द्वारा उतनी भूमि से जितना उत्पादन प्राप्त करते है।
इस परिणाम को देख कर अन्य किसानों के मन में भी जैविक खेती के प्रति रूझान बढ़ा है और अन्य किसान अब जैविक खेती करने का मन बना रहे हंै।

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