फसल की खेती (Crop Cultivation)

कड़कड़ाती ठंड में कैसे बचाएं अपनी फसलें? कृषि विभाग के 5 आसान उपाय

22 दिसंबर 2024, जयपुर: कड़कड़ाती ठंड में कैसे बचाएं अपनी फसलें? कृषि विभाग के 5 आसान उपाय – सर्दियों की कड़ी ठंड और शीतलहर का सीधा असर किसानों की फसलों पर पड़ता है, जिससे उनकी मेहनत पर पानी फिर सकता है। इस साल पश्चिमी विक्षोभ के कारण 22 दिसंबर से 5 जनवरी तक ठंड में तीव्र वृद्धि और हल्की बारिश की संभावना जताई गई है। ऐसे में कृषि विभाग ने किसानों को उनकी फसलों को पाले और शीतलहर से बचाने के लिए विशेष उपाय सुझाए हैं।

राजस्थान के संयुक्त कृषि विभाग के निदेशक कृषि (विस्तार) प्रकाश चन्द्र बुनकर ने बताया कि पाले के कारण टमाटर, मिर्च, बैंगन, धनिया, मटर, चना, सरसों और गेहूं जैसी फसलों को भारी नुकसान हो सकता है। उन्होंने कहा कि समय पर उठाए गए छोटे-छोटे कदम किसानों की फसलों को इस नुकसान से बचा सकते हैं।

Advertisement
Advertisement

कृषि विभाग द्वारा सुझाए गए उपाय

कृषि विभाग ने किसानों को पाले से बचाव के लिए नीचे दिए गए पांच उपाय अपनाने की सलाह दी है:

1.      घूंआ करें– जिस रात पाला पड़ने की संभावना हो, उस रात खेतों के किनारों पर घास-फूस और कचरा जलाकर घूंआ करें। इससे वातावरण में गर्मी बनी रहेगी और पाले से फसलों को बचाया जा सकेगा।

Advertisement8
Advertisement

2.      गंधक और थायो यूरिया का छिड़काव करें– गंधक के तेजाब का 0.1 प्रतिशत घोल (2 ग्राम प्रति लीटर पानी) या थायो यूरिया (500 पीपीएम) का छिड़काव 15-15 दिन के अंतराल पर करें। यह फसलों को शीतलहर से सुरक्षित रखने में मददगार साबित होगा।

Advertisement8
Advertisement

3.      हल्की सिंचाई करें– पाला पड़ने की संभावना होने पर खेत में हल्की सिंचाई करें। यह न केवल जमीन की नमी को बनाए रखेगा, बल्कि तापमान को 0.5 से 2 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ाने में भी मदद करेगा।

4.      फसलों को ढकें– सब्जियों की फसलों को पाले से बचाने के लिए उन्हें पॉलीथीन या भूसे से ढक दें। ठंडी हवा से बचाने के लिए खेतों के किनारों पर वायुरोधी टाटीयां लगाना भी उपयोगी हो सकता है।

5.      वायुरोधक पेड़ लगाएं– खेतों की मेड़ों पर शहतूत, शीशम, खेजड़ी और बबूल जैसे वायुरोधक पेड़ लगाएं। ये पेड़ ठंडी हवाओं को रोककर फसलों को सुरक्षा प्रदान करेंगे।

किसानों के लिए महत्वपूर्ण चेतावनी

विशेषज्ञों ने किसानों को सलाह दी है कि वे इन उपायों को जल्द से जल्द अपनाएं और नियमित रूप से मौसम की जानकारी लेते रहें। सर्दी के इन कठिन दिनों में सतर्कता ही फसलों को सुरक्षित रखने का सबसे बड़ा हथियार है।

शीतलहर और पाले का सीधा असर फसलों की उपज और गुणवत्ता पर पड़ता है। इसके कारण पौधों के ऊतकों में पानी जम सकता है, जिससे उनकी कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं। समय पर उठाए गए कदम न केवल फसलों को बचाते हैं, बल्कि किसानों को आर्थिक नुकसान से भी सुरक्षित रखते हैं।

Advertisement8
Advertisement

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.en.krishakjagat.org

Advertisements
Advertisement5
Advertisement