धान की मशीन से रोपाई के लिए ‘चटाईनुमा नर्सरी’ कैसे बनाएं – किसानों के लिए आसान तरीका
वैज्ञानिक: श्री दीपक चौहान (कृषि विज्ञान केंद्र, शहडोल), सहायक कृषि यंत्री: श्री रितेश प्यासी (कृषि अभियांत्रिकी विभाग, शहडोल)
24 जुलाई 2025, भोपाल: धान की मशीन से रोपाई के लिए ‘चटाईनुमा नर्सरी’ कैसे बनाएं – किसानों के लिए आसान तरीका –
क्या है चटाईनुमा नर्सरी और क्यों जरूरी है?
जब किसान धान रोपाई यंत्र (Rice Transplanter) से खेत में रोपाई करना चाहते हैं, तो पारंपरिक नर्सरी की बजाय एक विशेष चटाईनुमा नर्सरी तैयार करनी होती है। यह नर्सरी मशीन के ट्रे के अनुसार होती है, जिससे रोपाई तेज़, सटीक और कम मेहनत में हो जाती है।
चटाईनुमा नर्सरी तैयार करने की आसान विधि:
1. मिट्टी का सही मिश्रण बनाएं
- मिट्टी को सुखाकर भुरभुरी करें।
- फिर इसे 4-6 मिमी छेद वाली छन्नी से छान लें।
- लगभग 1 टन मिट्टी मिश्रण एक हेक्टेयर नर्सरी के लिए पर्याप्त है।
2. नर्सरी बैड तैयार करें
- नर्सरी समतल और सख्त जमीन पर बनाएं।
- बैड की चौड़ाई रखें – 1.2 मीटर, ताकि दो फ्रेम आसानी से बिछ सकें।
- एक हेक्टेयर की रोपाई के लिए 100 वर्ग मीटर बैड पर्याप्त होता है।
- इसमें लगभग 400 चटाईनुमा फ्रेम (प्रत्येक 50 x 21 से.मी.) की जरूरत होती है।
3. यदि फ्रेम नहीं हो तो?
- प्लास्टिक की मोटी शीट (200 गेज) जमीन पर बिछाएं।
- उस पर 1 इंच मोटी मिट्टी की परत फैलाएं।
- अंकुरित बीज डालने के बाद इसे मशीन के ट्रे के आकार में काटा जा सकता है।
बीज की तैयारी कैसे करें?
- उच्च गुणवत्ता वाले बीज का चयन करें।
- बीज को 1% नमक घोल में डालें – खराब बीज ऊपर तैरेंगे, उन्हें निकाल दें।
- अच्छे बीज को 2-3 बार साफ पानी से धो लें।
- फिर 24 घंटे तक पानी में भिगोकर रखें।
- इसके बाद बीज को जूट की बोरी में ढककर रखें – इससे अंकुरण तेजी से होगा।
बुवाई की विधि
- पॉलीथिन शीट पर 15 मिमी मिट्टी का मिश्रण फैलाएं।
- फिर 200–250 ग्राम अंकुरित बीज प्रति फ्रेम के हिसाब से समान रूप से छिड़कें।
- बीज को 5 मिमी मिट्टी की परत से ढक दें।
- फिर उस पर जूट की बोरी से ढक दें।
सिंचाई का तरीका:
- बुवाई के तुरंत बाद हजारे (फव्वारे) से हल्की सिंचाई करें।
- 3–4 दिन तक हल्की सिंचाई करते रहें ताकि बीज सूख न जाएं।
- जब अंकुर फूट जाएं तो बोरे हटा दें और फिर 7–8 दिन तक हल्की सिंचाई करते रहें।
- जब पौधे थोड़े बड़े हो जाएं, तब सतही सिंचाई भी कर सकते हैं।
विशेष बातें जो ध्यान रखें:
- मिट्टी का मिश्रण पौधों की जड़ों को आपस में जोड़ने में मदद करता है।
- समतल, मजबूत और अच्छी जल निकासी वाली जमीन पर ही नर्सरी बनाएं।
- मशीन से रोपाई के लिए चटाई का आकार और पौध की मजबूती बहुत जरूरी है।
किसानों के लिए संदेश:
इस आधुनिक नर्सरी विधि से कम मेहनत, जल्दी रोपाई और बेहतर उत्पादन संभव है। मशीन से रोपाई को अपनाकर समय, पानी और श्रम – तीनों की बचत करें
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