चने की फसल में उकठा और जड़ सड़न से छुटकारा, ये सस्ती बीज उपचार विधि अपनाकर दोगुनी करें उपज
04 अक्टूबर 2025, नई दिल्ली: चने की फसल में उकठा और जड़ सड़न से छुटकारा, ये सस्ती बीज उपचार विधि अपनाकर दोगुनी करें उपज – चने की फसल बोहोत से किसानों के लिए प्रमुख फसल है, लेकिन उकठा (विल्ट) और जड़ गलन (रूट रॉट) जैसी बीमारियाँ अक्सर पूरी मेहनत पर पानी फेर देते हैं। कई किसान इन रोगों से बचने के लिए बीज उपचार की जानकारी मांग रहे हैं। पूसा संस्थान के कृषि विशेषज्ञों ने सरल और प्रभावी तरीका साझा किया है, जो बीजों को मजबूत बनाकर बिमारियों से लड़ने की ताकत देता है। अगर आप चने की बुवाई की तैयारी कर रहे हैं, तो ये टिप्स अपनाकर नुकसान से बचें और बंपर पैदावार पाएं।
उकठा रोग से पौधे सूख जाता है, जबकि जड़ गलन जड़ों को सड़ा देती है, जिससे फसल कमजोर हो जाती है। ये बीमारी मिट्टी में मौजूद कवक से फैलती हैं और शुरुआती दौर में ही फसल को बर्बाद कर सकता हैं। सही बीज उपचार से 70-80% तक रोग नियंत्रण संभव है।
बीज उपचार का आसान तरीका
रासायनिक उपचार: चने के बीजों को बाविस्टीन, थिरम या कैप्टान से ट्रीट करें। मात्रा: 2 ग्राम दवा प्रति किलोग्राम बीज। इससे रोग पैदा करने वाले कवक नष्ट हो जाते हैं। राइजोबियम कल्चर: बुवाई से ठीक पहले, रासायनिक उपचार के बाद बीजों को राइजोबियम कल्चर से दोबारा ट्रीट करें। मात्रा: 2 ग्राम कल्चर प्रति किलोग्राम बीज। यह फसल को नाइट्रोजन फिक्सेशन में मदद करता है और जड़ों को स्वस्थ रखता है।
सुखाना: उपचारित बीजों को छांव में अच्छी तरह सुखा लें, ताकि नमी से कोई समस्या न हो।
अंतिम सलाह: समय पर करें कार्रवाई
पूसा विशेषज्ञ चेताते हैं कि बीज उपचार बुवाई से पहले ही करें, वरना रोग फैलने का खतरा बढ़ जाता है। प्रमाणित बीज और कल्चर इस्तेमाल करें। इससे न सिर्फ रोगों से बचाव होगा बल्कि पैदावार भी बढ़ेगी। अधिक जानकारी के लिए पूसा संस्थान से संपर्क करें। आप भी ट्राई करें और अपनी सफलता शेयर करें!
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