नींबू की फसल पर फल मक्खी का प्रकोप? पूसा विशेषज्ञों की ये टिप्स अपनाए
04 अक्टूबर 2025, नई दिल्ली: नींबू की फसल पर फल मक्खी का प्रकोप? पूसा विशेषज्ञों की ये टिप्स अपनाए – नींबू वर्गीय फलों की फसल किसानों के लिए सोने की खान साबित हो सकती है, लेकिन सर्दियों के मौसम में एक छोटी-सी लापरवाही लाखों का नुकसान करा सकती है।
मौसमी, माल्टा, किन्नो, ग्रेपफ्रूट और चकोतरा जैसी मीठी किस्में अब पकने के लिए तैयार है, और अक्टूबर से ये बाजार में आ जायगी। लेकिन इन दिनों सबसे बड़ी दिक्कत है फल मक्खी का प्रकोप, जो फलों को समय से पहले गिरा देती है और पूरी फसल बर्बाद कर सकती है।
पूसा संस्थान के कृषि विशेषज्ञों ने किसानों की मांग पर इस समस्या का विस्तृत समाधान साझा किया है। अगर आप भी नींबू वर्गीय फसल उगा रहे हैं, तो ये टिप्स अपनाकर नुकसान से बचें और पैदावार दोगुनी करें।
फल मक्खी का हमला: कैसे होता है नुकसान?
फल मक्खी नींबू वर्गीय फलों की सबसे बड़ी परेशानी है। यह कीट फलों की बाहरी त्वचा पर अंडे देती है, जिससे फफूंद जनित रोगों का खतरा बढ़ जाता है। अंडों से निकलने वाले लार्वा फल को अंदर से खोखला कर देते हैं, नतीजतन फल पकने से पहले ही गिर जाते हैं इससे उपज घटती है । उत्तर भारत के बागवानों में यह समस्या आम है, और कई किसानों ने पूसा समाचार के जरिए
इसके नियंत्रण की जानकारी मांगी है।
पूसा संस्थान के विशेषज्ञों ने फल मक्खी से निपटने के लिए व्यावहारिक और कम खर्चीले उपाय सुझाए हैं। ये तरीके छोटे-बड़े सभी किसानों के लिए आसान हैं:
1. फलों को कवर करें: सबसे आसान सुरक्षा कवच
अगर आपके पौधे छोटे हैं और फल कम संख्या में हैं, तो बाजार से उपलब्ध कपड़े या कागज की थैलियां लें। इन थैलियों को फलों पर चढ़ाएं और स्टेपलर से सील कर दें। थैली फल को चारों तरफ से ढक लेगी, लेकिन नीचे से खुली रहेगी ताकि फल सांस ले सके। इससे फल मक्खी अंडे नहीं दे पाएगी और फल सुरक्षित रहेंगे। यह तरीका 80-90% तक प्रभावी है और कोई रसायन इस्तेमाल
नहीं होता।
2. बाग की सफाई: कीटों का छिपने का ठिकाना खत्म करें
फल मक्खी अक्सर खरपतवारों में छिपती है, इसलिए बाग की सफाई सबसे जरूरी है। खरपतवारों को जड़ से उखाड़ें या नियंत्रित करें। इसके बाद, इमिडाक्लोप्रिड (17.8% एकाग्रता) का घोल बनाएं 3.5 से 4 मिलीलीटर दवा को 10 लीटर पानी में मिलाकर खरपतवारों पर छिड़काव करें। यह कीटों के लार्वा को जमीन में ही मार देगा और गिरे हुए फलों से फैलने वाले संक्रमण को रोकेगा। ध्यान रखें, छिड़काव शाम के समय करें ताकि फायदेमंद कीट प्रभावित न हों।
3. प्रभावित फलों का निपटान: लार्वा को जड़ से खत्म करें
बाग में पीले पड़ते या गिरे हुए फलों को इकट्ठा करें। इन्हें या तो जला दें या गर्म पानी में उबालकर नष्ट करें। अगर आपके पास पशु हैं, तो उबले फलों को चारे में मिलाकर इस्तेमाल कर सकते हैं इससे लार्वा मर जाएंगे और संसाधन की बर्बादी भी नहीं होगी।
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