पश्चिम निमाड़ में ग्रीष्मकालीन मूंग के अच्छे उत्पादन से किसान खुश
5 जून 2021, इंदौर । पश्चिम निमाड़ में ग्रीष्मकालीन मूंग के अच्छे उत्पादन से किसान खुश – जायद फसल के तहत पश्चिम निमाड़ के खरगोन और बड़वानी जिले में बड़े रकबे में बोए गए ग्रीष्मकालीन मूंग की फसल का कम लागत में अच्छा उत्पादन होने और उचित मूल्य मिलने से मूंग उत्पादक किसान खुश हैं l
उल्लेखनीय है कि पश्चिम निमाड़ में रबी सीजन में गेहूं की फसल लेने के बाद गर्मी की मूंगफली फसल की लागत अधिक होने और सब्जियों की फसल में निरंतर नुकसान होने के कारण किसानों का जायद में ग्रीष्मकालीन मूंग के प्रति रुझान बढ़ा है l नागझिरी प्रतिनिधि श्री राजीव कुशवाह के अनुसार क्षेत्र के नागझिरी , बेलगांव,रूपखेड़ा और मोघन सहित एक दर्जन गांवों के किसानों ने जायद में मूंग की बुआई की थी l जिसमें कुदरत ,आनंद नामक किस्मों के अलावा अन्य हाइब्रिड और देसी बीज की किस्में शामिल हैं l यह रकबा करीब 200 एकड़ है l कुछ किसानों के यहां मूंग की कटाई बाकी है , तो कहीं मूंग निकाल लिया गया है l मोघन के श्री रामेश्वर कुशवाह और श्री शोभाराम कुशवाह ने कृषक जगत को बताया कि एक एकड़ में औसत 6 क्विंटल मूंग का उत्पादन हुआ l अच्छी गुणवत्ता वाले मूंग का दाम 7 हज़ार रुपए /क्विंटल तक मिला l इस प्रकार किसानों को प्रति एकड़ 35 -40 हजार रुपए की आय हुईl जायद की फसल में अच्छा मुनाफा मिलने से किसान खुश हैं और उनका उत्साह बढ़ा है l
इसी तरह बड़वानी जिले में भी ग्रीष्म कालीन मूंग का अच्छा उत्पादन हुआ l ग्राम पाखलिया (सिलावद ) जिला बड़वानी के किसान श्री जुनासिया पिता फूल सिंह ने बताया कि वे गत तीन वर्षों से शक्तिवर्धक कम्पनी का एसवीएम -88 किस्म का मूंग लगाकर अच्छा उत्पादन ले रहे हैं l गत वर्ष 5 किलो मूंग बीज लगाया था , जिससे 4 क्विंटल उत्पादन हुआ था l इसके पूर्व के वर्ष में 5 किलो से 5 क्विंटल उत्पादन हुआ था l इस वर्ष पौधों की ऊंचाई बढ़ने से साढ़े तीन क्विंटल मूंग उत्पादित हुआ l जबकि बड़वानी जिले की सेंधवा तहसील के ग्राम कालापाट के श्री फूल सिंह सोलंकी ने मूंग की विराट और एसवीएम 88 किस्म लगाई थी , जिससे उन्हें 6 किलो बीज से 4 क्विंटल उत्पादन हुआ l इस वर्ष पानी की कमी के कारण उत्पादन थोड़ा कम हुआ , फिर भी वे संतुष्ट हैं l जायद में मूंग की फसल में अच्छा मुनाफा मिलने से किसान खुश हैं और उनका उत्साह बढ़ा है l इसे देखते हुए आगामी वर्ष पश्चिम निमाड़ में जायद की फसल का रकबा और बढ़ने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है l