अलटेयर: धान के खरपतवारों पर सटीक नियंत्रण का जापानी फार्मूला – इंसेक्टिसाइड्स इंडिया का भरोसेमंद उत्पाद
13 जुलाई 2025, इंदौर: अलटेयर: धान के खरपतवारों पर सटीक नियंत्रण का जापानी फार्मूला – इंसेक्टिसाइड्स इंडिया का भरोसेमंद उत्पाद – प्रसिद्ध कीटनाशक कम्पनी इंसेक्टिसाइड्स इंडिया लिमिटेड ने धान की फसल में खरपतवार नियंत्रण के लिए ‘अलटेयर’ नामक एक नवीन और प्रभावी समाधान बाजार में उतारा है। यह बहुआयामी खरपतवारनाशी उत्पाद किसानों के उन सपनों को साकार करता है, जो अब तक अधूरे रह जाते थे – एक साफ, हरी-भरी, और उत्पादक धान की फसल। अलटेयर न केवल फसल की सुरक्षा करता है, बल्कि किसानों की सबसे बड़ी धरोहर – धरती– को भी संरक्षित रखता है।
अलटेयर क्यों है धान के लिए क्रांतिकारी समाधान?
धान की खेती में खरपतवार नियंत्रण एक बड़ी चुनौती है। कई बार किसान गलत उत्पाद का चयन करते हैं, जिससे खरपतवार पूरी तरह नियंत्रित नहीं हो पाता और उत्पादन घट जाता है। ऐसे में मजदूरी खर्च बढ़ता है और एक एकड़ में 2-3 प्रकार के खरपतवारनाशकों के उपयोग से लागत ₹1500–₹2000 तक बढ़ जाती है। इन्हीं समस्याओं को ध्यान में रखते हुए इंसेक्टिसाइड्स इंडिया लिमिटेड ने अलटेयर को विकसित किया है।
जापान की निसान केमिकल द्वारा 8 वर्षों के अनुसंधान के बाद विकसित यह उत्पाद प्रतिरोधी खरपतवारों पर भी प्रभावी है और लंबे समय तक असर बनाए रखता है। यह मिट्टी में एक सुरक्षात्मक परत बनाता है, जो खरपतवार को अंकुरित होने से रोकती है। खास बात यह है कि अलटेयर रोपाई और सीधी बुवाई दोनों विधियों के लिए उपयुक्त है।
अलटेयर के प्रमुख लाभ:
- तुरंत और लंबी अवधि का असर: अलटेयर छिड़काव के साथ ही सक्रिय होकर काम शुरू करता है और 40–50 दिनों तक खरपतवारों को उगने नहीं देता, जो फसल की वृद्धि का महत्वपूर्ण समय होता है।
- मजदूरी में बचत: यह उत्पाद खेतों में खरपतवार चुनने की जरूरत को 80% तक कम करता है, जिससे मजदूरी लागत में भारी कटौती होती है।
- पैदावार में वृद्धि: देशभर में किए गए परीक्षणों में पाया गया कि सामान्य खरपतवार प्रबंधन की तुलना में 15–20% अधिक पैदावार प्राप्त हुई है।
- किसानों की पसंद: देश के विभिन्न हिस्सों में किसानों ने अलटेयर के प्रदर्शन की भरपूर सराहना की है और संतोषजनक परिणामों की पुष्टि की है।
प्रयोग विधि और मात्रा:
मात्रा: प्रति एकड़ 160 ग्राम अलटेयर का प्रयोग करें। इसे स्प्रे के माध्यम से या बालू अथवा खाद के साथ मिलाकर प्रयोग में लाया जा सकता है।
प्रयोग का समय: धान की रोपाई के 0–3 दिनों के भीतर अलटेयर का प्रयोग करें।
पानी प्रबंधन: छिड़काव के बाद 7–10 दिन तक खेत में 2–3 सेंटीमीटर पानी बनाए रखें, जिससे सुरक्षात्मक परत सक्रिय हो सके।
(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, टेलीग्राम, व्हाट्सएप्प)
(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)
कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:
www.krishakjagat.org/kj_epaper/
कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: