सोयाबीन कृषकों को सलाह
23 अगस्त 2022, इंदौर । सोयाबीन कृषकों को सलाह – भा.कृ.अनु.प.-भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान, इंदौर ने सोयाबीन कृषकों को सलाह दी है कि फसल की सतत निगरानी करते रहें एवं किसी भी कीट या रोग के प्रारम्भिक लक्षण देखते ही, निम्नानुसार नियंत्रण के उपाय अपनाएं –
- पीला मोज़ेक रोग के नियंत्रण हेतु सलाह है कि तत्काल रोगग्रस्त पौधों को खेत से उखाडक़र निष्कासित करें तथा इन रोगों को फ़ैलाने वाले वाहक सफ़ेद मक्खी की रोकथाम हेतु पूर्व मिश्रित कीटनाशक थायोमिथोक्सम + लैम्ब्डा सायहेलोथ्रिन (125 मिली/हे.) या बीटासायफ्लुथ्रिन+इमिडाक्लोप्रिड (350 मिली/ हे.) का छिडक़ाव करें। इनके छिडक़ाव से तना मक्खी का भी नियंत्रण किया जा सकता है। यह भी सलाह है कि सफ़ेद मक्खी के नियंत्रण हेतु खेत में विभिन्न स्थानों पर पीला स्टिकी ट्रैप लगाएं।
- चक्र भृंग के नियंत्रण हेतु प्रारम्भिक अवस्था में ही टेट्रानिलिप्रोल 18.18 एस.सी. (250-300 मिली/हे.) या थायक्लोप्रिड 21.7 एससी ( 750 मिली/हे.) या प्रोफेनोफॉस 50 ईसी) 1 ली./.हे. ) या इमामेक्टिन बेन्जोएट) (425 मिली/हे.) का छिडक़ाव करें।
फसल सुरक्षा के अन्य उपाय
- सोयाबीन में तम्बाकू एवं चने की इल्ली के प्रबंधन के लिए बाजार में उपलब्ध कीट-विशेष फेरोमेन ट्रैप्स का उपयोग करें। इन फेरोमेन ट्रैप में 5-10 पतंगे दिखने का संकेत यह दर्शाता है कि इन कीड़ों का प्रादुर्भाव फसल में हो गया है, जो कि प्रारम्भिक अवस्था में है, अत: शीघ्रातिशीघ्र नियंत्रण के लिए उपाय अपनायें।
- जैविक सोयाबीन उत्पादन में रूचि रखने वाले कृषकगण पत्ती खाने वाली इल्लियों (सेमीलूपर, तम्बाकू की इल्ली) की छोटी अवस्था की रोकथाम हेतु बेसिलसथुरिन्जि एन्सिस अथवा ब्यूवेरिया बेसिआना या नोमुरियारिलेयी (1 ली./हे.) का प्रयोग कर सकते हैं। यह भी सलाह है कि प्रकाश प्रपंच का भी उपयोग कर सकते हैं।
- सोयाबीन में पक्षियों के बैठने हेतु टी आकार के बर्ड पर्चेस लगाएं। इससे कीट-भक्षी पक्षियों द्वारा भी इल्लियों की संख्या कम करने में सहायता मिलती है।
- कीट या रोग नियंत्रण के लिए केवल उन्हीं रसायनों का प्रयोग करें जो सोयाबीन में अनुशंसित हों।
- कीटनाशक या फफूंदनाशक के छिडक़ाव के लिए पानी की अनुशंसित मात्रा का उपयोग करें (नेप्सेक स्प्रयेर से 450 ली./हे. या पॉवर स्प्रेयर से 120 ली./हे. न्यूनतम)। किसी भी प्रकार का कृषि-आदान क्रय करते समय दुकानदार से हमेशा पक्का बिल लें, जिस पर बैच नंबर एवं एक्सपायरी दिनांक स्पष्ट लिखी हो।
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