फसल की खेती (Crop Cultivation)

आम का मूल्यसंर्वधन से अतिरिक्त लाभ

डाॅ. विशाल मेश्राम, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केन्द्र नरसिंहपुर; विजय सिंह सूर्यवशी, कृषि विज्ञान केन्द्र नरसिंहपुर; डाॅ. आशुतोष शर्मा, वैज्ञानिक (कृषि वानिकी), डाॅ. एस.आर. शर्मा, वैज्ञानिक (पौंध सरंक्षण); डाॅ. निधि वर्मा, वैज्ञानिक (सस्य विज्ञान) |

26 अप्रैल 2024, नरसिंहपुर: आम का मूल्यसंर्वधन से अतिरिक्त लाभ – आम अपने नाम के अनुकूल फलों का राजा होने के साथ साथ गरीब एवं अमीर सबकी पहंुच के अन्दर है। आम देखने में जितना आकर्षक एवं सुन्दर होता है उतना ही स्वादिष्ट एवं स्वास्थ्यवर्धक होता है यह पोषक तत्वों से भरपूर फल है। इसके प्रति 100 ग्राम, खनिज तत्व 0.4 ग्राम रेशा 0.7 ग्राम, शकर्रा 16.9 ग्राम कैरोटीन 2.7 ग्राम, कैल्शियम 14 मि.ग्रा. नियासिन 0.9 मि.ग्रा. तथा विटामिन सी 16 मि.ग्रा. मात्रा पाई जाती है सामान्यतः भण्डारण क्षमता कम होने के कारण आम को पूरे वर्ष लाने उसी अवस्था में रखना संभव नही है यदि इसके विभिन्न संसाधित (परीरक्षित) पदार्थ तैयार कर लिये जाये तो वर्ष भर इसका रसास्वादन किया जा सकता है आम कच्चे व पके दोनों प्रकार से गुणकारी होते है जिनसे स्वादिष्ट व पौष्टिक पदार्थ बनाये जाते है।

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(1) कच्चे आम का पनाः- छोटे बड़े सभी ’आम का पना’ को बड़े चाव से पीते है यह जितना स्वादिष्ट होता है उससे कई गुना लाभकारी भी है यह ’लू’ लगने पर तप्त शरीर को तुरंत राहत दिलाता है।


सामग्रीः- कच्चे आम-4 भुना जीरा पाऊडर -3 छोटे चम्मच, काला नमक- स्वादानुसार, लाल मिर्च- चुटकी भर, शक्कर या गुड़- स्वादानुसार, हींग-चुटकी भर, सादा नमकं- स्वादानुसार

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विधि – आमों को आग में भूनकर या उबालकर इसका गूदा निकाल लें गूदे को पानी में घोलकर एक रस कर दें। गुड़ या शक्कर अच्छी तरह घोलकर मिला लें। इसे अच्छी तरह छान लें ताकि आम के रेशे आदि अच्छी तरह छन जायें। सब मसाले डालकर भलिभांति मिला लें।

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(2) आमचूरः- यह पदार्थ हमारे यहां प्राचीन काल से प्रचलित है इसे बनाने के लिये सर्वप्रथम कच्चे स्वस्थ फलों का चयन कर उसे साफ करके लंबी फांके काट लें। फांको को भाप में उपचारित कर सल्फरडाइआॅक्साइड के घोल में डुबोने के बाद सौर सुखावक में सुखाया जाता है इस प्रकार आम की फाके जल्दी सूख जायेगी और उसमें कालापन तथा कीड़े आदि भी नही लगेंगे। सूखने के बाद फाको को पीसकर आमचूर बनाया जाता है।

(3) कच्चे आम का अचारः- आम का अचार मशहूर, स्वादिष्ट व लाभकारी भी होता है जो भोजनकी थाली की शोभा है।

सामग्री – आम की टुकड़े-1 किलो, मैथी दाना-50ग्राम, राई या पीली सरसो-200 ग्राम, सोैफ-50ग्राम, लोंग-25ग्राम, काली मिर्च-दरदरी, बड़े-बडे टुकडे, जीरा-25 ग्राम, पिसी लाल मिर्च-30 ग्राम, हल्दी-25 ग्राम, सरसों का तेल-400 मिली लीटर।

विधि- आमों को अच्छी तरह धोकर पोंछ लें। गुठली अलग कर दें। तेल गर्म करके ठंड़ा कर लें। सभी मसाले साफ करके धीमी-धीमी आंच पर भून ले। लोंग, काली मिर्च, को दरदरा पीसें। मैथी, सौफ, जीरा को बारीक पीस लें। राई की दाल निकाल लें। राई के काले छिलके फटक कर साफ कर दें। ठंड़े तेल में सब मसाले मिलाकर उसमें आम के टुकड़े मिलाकर कांच के मर्तबान में भर दें। अचार भरने से पहले मर्तबान को हींग द्वारा निर्जीवीकरण कर लें। आंच बहुत धीमी रहे। जैसे हींग का धुआं उठने लगे मर्तबान को उस पर औधा दें फिर इसमें अचार भर दें ऐसा करने से अचार में कभी भी फंफूदी नही लगती। चार पांच दिन बाद आधे तेल में मिर्च पाऊडर घोलकर अचार में डाल दें। अचार का रंग सदैव लाल रहेगा, जो देखने में संुदर लगता है और आम का स्वाद भी बढ़ जाता है।

(4) गोही(गिरी) का अचारः- आम का अचार जितना स्वादिष्ट और पौष्टिक होता है, उतना ही उसकी गिरी उपयोगी होती है आम की गिरी का अचार बहुत ही स्वादिष्ट लगता है।
सागग्रीः- आम की गिरी 1 कि.ग्रा., आम कच्चे किसे हुए-250 ग्राम, राई की ढाल-100 ग्राम, मैथी दाना-50 ग्राम, सौफ हरी बड़ी-50 ग्राम, हींग-स्वादानुसार, खड़ी काली मिर्च-20ग्राम, लोैग-10 ग्राम, हल्दी-50 ग्राम, तेल-आधा लीटर, नमक-स्वादानुसार, लाल मिर्च पाऊडर-50 ग्राम।

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विधि- आम की गिरी को साफ करके उबाले। यदि कुकर में उबाले तो सिर्फ एक सीटी तक उबाले। थोडी ठंडी करके पानी फेंककर गिरी का छिलका साफ कर लें। सब मसालों को हल्का भूनकर पीस लें। कच्चे आमों को छीलकर कददूकस कर लें। आमों की गिरी व किसे हुए आम को अच्छी तरह मिला लें। सब मसाले मिलाकर मर्तबान में भर दें। दो दिन बाद तेल गर्म करके बिल्कुल ठडा कर लें और फिर अचार में डालकर अच्छी तरह मिलाकर लगभग 15 दिन के लिए रख दें। 15 दिन बाद अचार खाने लायक हो जावेगा।

(5) शाही लौंजीः- कच्चे आम 500 ग्राम, शक्कर 500 ग्राम, घी 250 ग्राम, लाल मिर्च 2 चाय के चम्मच, कश्मिरी मिर्च आधा चम्मच सौंफ एक चाय का चम्मच, जीरा एक चाय का चम्मच, बारीक नारियल, छोटी ईलायची का पाऊडर एक चाय का चम्मच, काजू कतरन आधा कप हींग थोड़ी सी, नमक, हल्दी आवश्यकतानुसार।

विधिः- कच्चे आम धोकर छील ले और लंबी फाके काट ले, शक्कर में एक गिलास पानी डालकर पतली चासनी बनाकर रख दें। कढ़ाई में घी गरम कर फाकों को हल्का गुलाबी तलकर निकाले लें। अब दूसरी कढ़ाई में 150 ग्राम घी डालकर हींग, जीरा, सौंफ और राई का छाॅंक लगाकर नीचे उतार लें। लाल मिर्च, कश्मिीरी मिर्च, नमक हल्दी और पिसा धनिया 25 ग्राम डालकर भुने और फिर गैस पर रखकर चासनी डालकर 2 ऊबाल आने पर फांके डाल दें। फांके गल जाये तो रसा शहद के समान होने पर नीचे उतार कर ईलायची पावडर डाल दें। एक प्लेट में निकालकर बारीक नारियल और काजू कतरन से सजा दें और गरम पराठों के साथ परोंसे।

(6) पापड़ –

सामग्री – आम का गूदा -1 कि.ग्रा., चीनी -300 से 500 ग्राम, पोटेशियन मेटा बाइसल्फाईड -0.8 ग्राम।

विधि – आम पापड़ बनाने के लिए गूदेदार, रसदार पके आम छांटे। आम को धोकर उसका रस निकाले। आम के रस में शक्कर मिलाकर अच्छी तरह हिलाते रहे। बाद में पोटेशियम मेटा बाइसल्फाईड मिलाए ताकि सुखाते समय इसमें कीड़े फफूंदी न लगे एक स्टील टेª में गूदे की एक समान परत फैला दें और धूप में रख दे जब यह परत थोड़ी सूख जाए तो उस पर दूसरी परत फेैला दें। इस प्रकार जितना रस है उसकी परते एक पर एक फैलाते जाएं । पापड़ की मोटाई 1-125 से.मी. होनी चाहिए अच्छी तरह से सूखने के बाद पापड़ को छोटे-छोटे टुकड़ो में काटकर बटर पेपर में लपेटना चाहिए और वायु रहित डिब्बों में बंद कर देना चाहिए।

(7) शर्वतः

सामग्री- कच्चे आम का रस -1 लीटर, शक्कर-2 कि.ग्रा. पानी-1 लीटर, पुदीना-100 ग्राम, साइट्रिक एसिड-10 ग्राम, पिसा जीरा-15 ग्राम, जीरा-15 ग्राम, पिसी काली मिर्च-10 ग्राम, काला नमक-15 ग्राम, सादा नमक-25 ग्राम, खाने का हरा रंग-चुटकी भर एवं पोटेशियम मेटाबाईसल्फाइड-1-2 ग्राम।

विधि- कच्चे आम को कददूकस कर लें या उबाल कर आम का रस निकाले लें। पौदीना को साफ करके पीला रस निकाल लें। चीनी में पानी मिलाकर आॅच पर चढ़ाकर चाशनी बनाये। चाशनी में सभी पिसे मसाले डालकर चाशनी नीचे उतारकर रख लें। थोडी ठंडी करके उसे छान लें।

गर्म चाशनी में आम का रस व पुदीना का रस मिलाकर ठंडा करें खाने का हरा रंग पोटेशियम मेटाबाइसल्फाइड मिलाकर शर्बत को सूखी बोतल में भर दें।

(8) स्कवेश एवं नेक्टरः-

सामग्री –रस 1.0 कि.ग्रा., शक्कर-1.6 कि.ग्रा, नींबू अम्ल-30 ग्राम, पानी-1.5 लीटर, पोटेशियम मेटाबाईसल्फाइड – 1.4 ग्राम।

विधि – स्कदेश बनाने के लिए शर्करा नींबू अम्ल को पानी में घोलिए। गर्म करने से ये जल्दी घुल जाते है। फिर छन्नी या मलमल के कपड़े से छान लेना चाहिए। स्कवेश बनाते समय इस शर्बत को ठंडा करके आम के रस में मिलाना चाहिए। साफ और सूखी बोतल में 2.5-5 से.मी. बोतल का अग्र भाग छोड़कर शर्बत भर देना चाहिए तथा मोम से सील बंद कर देना चाहिए।

नेक्टर बनाने के लिये- रस-10 कि.ग्रा. शक्कर-807 ग्राम, नीबू रस-13 ग्राम, पानी-3लीटर, पोटेशियम मेटाबाईसल्फाइड – 1.4 ग्राम।

विधि – नेक्टर बनाने के लिए आम के रस को मिलाया जाता है। इस मिश्रण को 85 से 90 से. तक गर्म करके बोतल या डिब्बे में भरकर सील बंद करके 80 से 85 से.पर 5 से 10 मिनिट तक पास्चुरीकरण करके ठड़ा कर लिया जाता है परिरक्षित उत्पाद को शुष्क प्रकाश रहित ठंडे स्थान पर रखना चाहिए।

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