जलवायु परिवर्तन कारण और परिणाम
पृथ्वी पर एक समय ऐसा भी था जब लोग निसर्ग चक्र के अनुरूप ही जीवन जीते थे। ऋतुओं का पहिया निर्धारित गति के साथ निर्बाध गति से घूमता था, कहीं कोई उलट फेर नहीं था। जीवन सहज था। जिस तरह
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंपृथ्वी पर एक समय ऐसा भी था जब लोग निसर्ग चक्र के अनुरूप ही जीवन जीते थे। ऋतुओं का पहिया निर्धारित गति के साथ निर्बाध गति से घूमता था, कहीं कोई उलट फेर नहीं था। जीवन सहज था। जिस तरह
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंबालाघाट। राणा हनुमानसिंह कृषि विज्ञान केन्द्र बडग़ॉव बालाघाट जिले में संचालित निकरा परियोजना में अंगीकृत ग्राम कोस्ते में गत दिवस किसान संगोष्ठी का आयोजन किया गया । जिसमें किसानों से चर्चा के दौरान कार्यक्रम समन्वयक डॉ. आर. एल. राउत द्वारा
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंmyRML एक ऐसा एप है जो किसानों को अपनी लागत घटाने में और मुनाफा बढ़ाने में मदद करता है| भोपाल। संचार क्रांति के इस युग में अब किसानों के लिये भी मोबाइल एप प्रस्तुत हो गया है। ‘myRML’ मोबाइल एप
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंभोपाल। राज्य शासन ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की नवीन पद-स्थापना की है। अपर मुख्य सचिव कुटीर एवं ग्रामोद्योग तथा जन-शिकायत निवारण श्री राकेश अग्रवाल को अपर मुख्य सचिव पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण एवं जन-शिकायत निवारण विभाग (अतिरिक्त
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंभोपाल-नर्मदापुरम की संभागीय बैठक (विशेष प्रतिनिधि) भोपाल। खरीफ की बोनी के लिए खाद, बीज सहित सभी आवश्यक तैयारियां समय पर करें। उन्नत किस्मों के बीज और बोए जाने योग्य हर हिस्से में बुआई हो इसका ध्यान रखें। खरीफ फसल के
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंकृषि में सबसे महत्वपूर्ण है मिट्टी। यदि खेत में मिट्टी न हो तो खेती नहीं की जा सकती है। जो वैश्विक आवश्यकताओं की पूर्ति का अंश मात्र भी नहीं है। क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि इस मिट्टी को,
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंनिरंतर फसलें उगाने एवं असंतुलित उर्वरकों के उपयोग से हमारी मृदाओं में जीवांश तत्व एवं सूक्ष्म पोषक तत्व की कमी हो गई है ऐसी स्थिति में हरी खाद का उपयोग करना सस्ता और सरल तरीका है जिसे किसान भाई आसानी
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंसब्जी बगीचा में सब्जी उत्पादन का प्रचलन प्राचीनकाल से चला आ रहा है। अच्छे स्वास्थ्य के लिये दैनिक आहार में संतुलित पोषण का होना बहुत जरूरी है। फल एवं सब्जियां इसी संतुलन को बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हैं,
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंबुवाई का समय एवं बीज दर- अल्पकालीन प्रजातियों हेतु मई के दूसरे पखवाड़े एवं मध्यकालीन प्रजातियों में जून के पहले सप्ताह तथा दीर्घकालीन प्रजातियां जून और जुलाई के मध्य बुवाई करते है जिन क्षेत्रों में सिंचाई की पर्याप्त व्यवस्था हो
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंनई दिल्ली/भोपाल। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने पंचायत सदस्यों से आग्रह किया वे ठोस योजनाओं और 5 वर्ष की परिकल्पना के साथ कार्य करें ताकि उनके गांव में सकारात्मक बदलाव लाया जा सके। राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर
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