फसल की खेती (Crop Cultivation)

नवीनतम फसल की खेती (Crop Cultivation) की जानकारी और कृषि पद्धतियों में नवाचार, बुआई का समय, बीज उपचार, खरपतवार नियन्तारन, रोग नियन्तारन, कीटो और संक्रमण से सुरक्षा, बीमरियो का नियन्तारन। गेहू, चना, मूंग, सोयाबीन, धान, मक्का, आलू, कपास, जीरा, अनार, केला, प्याज़, टमाटर की फसल की खेती (Crop Cultivation) की जानकारी और नई किस्मे। गेहू, चना, मूंग, सोयाबीन, धान, मक्का, आलू, कपास, जीरा, अनार, केला, प्याज़, टमाटर की फसल में कीट नियंतरण एवं रोग नियंतरण। सोयाबीन में बीज उपचार कैसे करे, गेहूँ मैं बीज उपचार कैसे करे, धान मैं बीज उपचार कैसे करे, प्याज मैं बीज उपचार कैसे करे, बीज उपचार का सही तरीका। मशरुम की खेती, जिमीकंद की खेती, प्याज़ की उपज कैसे बढ़ाए, औषदि फसलों की खेती, जुकिनी की खेती, ड्रैगन फ्रूट की खेती, बैंगन की खेती, भिंडी की खेती, टमाटर की खेती, गर्मी में मूंग की खेती, आम की खेती, नीबू की खेती, अमरुद की खेती, पूसा अरहर 16 अरहर क़िस्म, स्ट्रॉबेरी की खेती, पपीते की खेती, मटर की खेती, शक्ति वर्धक हाइब्रिड सीड्स, लहसुन की खेती। मूंग के प्रमुख कीट एवं रोकथाम, सरसों की स्टार 10-15 किस्म स्टार एग्रीसीड्स, अफीम की खेती, अफीम का पत्ता कैसे मिलता है?

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गर्मियों में लगाएं गेंदा

भिन्न-भिन्न ऊंचाई एवं भिन्न-भिन्न रंगों के कारण लेण्ड स्केप की खूबसूरती बढ़ाने के भी काम आता है। यह क्यारियों में तथा हरबेसियस बॉर्डर के रूप में आसानी से उगाया जाने वाला पौधा है। इसके साथ सबसे महत्वपूर्ण एवं फायदेमंद बात

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आओ करें खरीफ की तैयारी

वर्ष 2015 का खरीफ शुरू होने को है। खरीफ का महत्व क्षेत्रफल तथा फसल विविधता की दृष्टि से विशेष है। खरीफ में पैदा किये जाने वाली प्रमुख फसलें धान, सोयाबीन, मूंगफली, मूंग, उड़द तथा अरहर है जिनमें से सबसे अधिक

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मिर्च की उन्नत खेती

पोषक मूल्य पोष्टिकता की दृष्टि से यह विटामिन एवं खनिज लवणों का स्त्रोत है। इसके फल विटामिन ए व सी से भरपूर होते हैं। मिर्च का तीखापन उसमें उपस्थित एल्कालॉयड कैपसाइसिन के कारण होता है। जलवायु निमाड़ की जलवायु मिर्च

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अधिक उत्पादन के लिये मिट्टी जांच जरूरी

मिट्टी की जांच क्यों आवश्यक है:1. मिट्टी की उर्वराशक्ति एवं पोषक तत्वों की उपलब्धता ज्ञात करने के लिये।2. परीक्षण के आधार पर फसल की आवश्यकतानुसार उर्वरकों की मात्रा निर्धारित करने के लिए।3. ऐसी भूमि जहां उर्वरकों की आवश्यकता नहीं है,

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टिकाऊ उर्वरता के लिये हरी खाद

बढ़ती जनसंख्या के भरण-पोषण के लिये प्रति इकाई उत्पादकता बढ़ाने के प्रयास में अंधाधुंध सिंचाई, असंतुलित उर्वरक उपयोग कृषि में होने के कारण भूमि के स्वास्थ्य पर विपरीत असर देखे जाने लगे जो वर्तमान में एक चुनौती बनकर उभरे हैं।

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राज्य कृषि समाचार (State News)फसल की खेती (Crop Cultivation)

गर्मियों में कद्दूवर्गीय फसलों में कीट नियंत्रण

डॉ. संदीप शर्मा मो. : 9803133157 email : sharma.sandeep1410@gmail.com मध्यप्रदेश में नर्मदा ताप्ती, तवा, गंजाल आदि नदियों के तटों पर खीरा, ककड़ी, टिण्डा, खरबूज, तरबूज, लौकी आदि फसलें विस्तृत क्षेत्र में उत्पादित की जाती हैं। क्षेत्र में इन फसलों की

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आम की खेती

डॉ. नीरज शुक्ला , डॉ. डी.ए. सरनाईक , डॉ पी.एन. सिंह आम को फलों का राजा कहा जाता है और यह हमारे देश का राष्ट्रीय फल है आम में विटामिन ए तथा सी प्रचुर मात्रा में होता है। इस फल

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बीजीय मसाला भण्डारण में कीट प्रबन्धन

राम गोपाल सामोता द्य डॉ. के.सी. कुमावत डॉ. एस.के. खींची email : ramgopal.765@gmail.com बीजीय मसालों में सिगरेट भृंग, औषधि भण्डार भृंग इत्यादि का प्रकोप हो जाता है इनका संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है: सिगरेट भृंग: सिगरेट भृंग पहली बार तम्बाकू

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स्वास्थ्यप्रद है श्रीफल

नारियल एवं इसका पानी दोनों ही काफी गुणकारी हैं तथा औषधि के रूप में घरेलू उपयोग में लाए जाते हैं। नारियल का पानी दूध की तरह ही एक पूर्ण आहार है। विटामिन के रूप में इसमें ‘ए, बी, सी’ विटामिन

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धूप से मिलने वाला विटामिन-डी

धूप से बिल्कुल दूर रहना, सनस्क्रीन लगाए रखना, दूध नहीं पीना या फिर केवल शाकाहारी आहार लेने वालों को विटामिन -डी की कमी होने की आशंका होती है। धूप के संपर्क में आने पर शरीर में विटामिन डी का निर्माण

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