राज्य कृषि समाचार (State News)पुरस्कार एवं सम्मान (Awards And Recognition)

मसाला, सुगंधित फसलों को बढ़ावा देने हेतु कृषि विश्वविद्यालय को बेस्ट परफार्मर अवार्ड

19 जुलाई, 2022, रायपुर: मसाला,सुगंधित फसलों को बढ़ावा देने हेतु कृषि विश्वविद्यालय को बेस्ट परफार्मर अवार्ड – इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय को 2021-22 में बागवानी कार्यक्रम के अंतर्गत मसाला एवं सुगंधित फसलों के एकीकृत विकास हेतु बेस्ट परफॉर्मर अवार्ड से सम्मानित किया गया है। विश्वविद्यालय को यह सम्मान सुपारी एवं मसाला विकास निदेशालय, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार, कालीकट केरल द्वारा 13 से 14 जुलाई तक तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय के उद्यानिकी महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र, पेरियाकुलम में आयोजित 16वें वार्षिक कार्यशाला के अवसर पर प्रदान किया गया। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के प्रमुख वैज्ञानिक एवं परियोजना के मुख्य अन्वेषक डॉ. एस.एस. टुटेजा एवं डॉ. डी. खोखर को यह सम्मान कृषि, उद्यानिकी एवं किसान कल्याण मंत्रालय के आयुक्त डॉ. प्रभात कुमार द्वारा प्रदान किया गया। इस अवसर पर सुपारी एवं मसाला विकास निदेशालय, कालीकट के निदेशक डॉ. होमी चेरियन, सुपारी अनुसंधान केन्द्र के निदेशक डॉ. सी.के. थनकामनी एवं उप निदेशक डॉ. फेमिना उपस्थित थे।
इस परियोजना में  इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय को सुपारी एवं मसाला विकास निदेशालय द्वारा हल्दी, अदरक, धनिया आदि मसाला फसलों एवं सुगंधित फसलों के बीजोत्पादन, प्रशिक्षण एवं किसानों के खेत में अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन हेतु वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, जिससे राज्यों में इन फसलों के उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि हो सके। परियोजना के तहत कोरिया जिले में किसानों के 150 एकड़ खेतों पर लेमनग्रास, पामारोसा, सिट्रोनेला, खस आदि सुगंधित फसलों का उत्पादन कर इनका तेल निकालकर बाजार में क्रय हेतु उपलब्ध कराया गया। इसी प्रकार मसाला फसलों के अंतर्गत बेमेतरा, बिलासपुर, रायगढ़ जिलों में हल्दी, अदरक और धनिया की फसलों का किसानों के खेतों में उत्पादन किया जा रहा है। इस कार्यशाला में 45 विभिन्न कृषि विश्वविद्यालय एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के संस्थानों के वैज्ञानिकों ने हिस्सा लिया एवं अपना वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। इस परियोजना के मुख्य अन्वेषक डॉ. एस.एस. टुटेजा एवं सह अन्वेषक डॉ. पी.के. जोशी, डॉ. यमन देवांगन एवं डॉ. डी. खोखर हैं। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने परियोजना से जुड़े वैज्ञानिकों एवं सहयोगियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं।

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