पशुपालन (Animal Husbandry)

रायपुर : सभी गौठानों में चारागाह विकास एवं पशुधन स्वास्थ्य पर निगरानी रखें

9 जुलाई 2022, रायपुर: रायपुर : सभी गौठानों में चारागाह विकास एवं पशुधन स्वास्थ्य पर निगरानी रखें – कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने आज महानदी मंत्रालय भवन में कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन एवं उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों की संयुक्त बैठक लेकर विभागीय योजनाओं के साथ-साथ सुराजी गांव योजना के गरवा, घुरवा, बाड़ी कार्यक्रम की प्रगति की गहन समीक्षा की। मंत्री श्री चौबे ने अधिकारियों को राज्य के सभी गौठानों में पशुधन के हरे चारे की व्यवस्था के लिए चारागाह विकास का कार्य अनिवार्य रूप से कराए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि चालू खरीफ सीजन में गौठानों में चारागाह विकास के लिए नेपियर घास सहित हरे चारे की बुआई करें। उन्होंने गौठानों में पशुपालन से संबंधित आयमूलक गतिविधियों को बढ़ावा दिए जाने के निर्देश दिए, ताकि ग्रामीणों को रोजगार और आय का अतिरिक्त साधन उपलब्ध हो सके। गौठानों से जुड़े समूहों को दूधारू पशुओं के पालन के लिए भी विभाग की योजनाओं के साथ-साथ डीएमएफ फंड से लाभान्वित करने के भी निर्देश दिए गए। बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त श्री कमलप्रीत सिंह, गोधन न्याय मिशन के प्रबंध संचालक डॉ. अय्याज तम्बोली, संचालक पशुपालन श्रीमती चंदन त्रिपाठी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।  

मंत्री श्री चौबे ने कहा कि राज्य में पशुधन के संरक्षण और संवर्धन के लिए गांवों में गौठान बनाए गए हैं। गौठानों में पशुओं को चारे एवं पेयजल के प्रबंध के साथ-साथ पशु स्वास्थ्य संरक्षण एवं उपचार की निःशुल्क व्यवस्था सुनिश्चित करना विभाग की जिम्मेदारी है। उन्होंने अधिकारियों को गौठानों में नियमित रूप से पशु स्वास्थ्य परीक्षण एवं टीकाकरण शिविर लगाए जाने के निर्देश दिए। गौठान से जुड़े महिला स्व-सहायता समूहों बकरी पालन, मुर्गी पालन, बटेर पालन, पशुपालन आदि के लिए भी प्रेरित एवं प्रोत्साहित करने के साथ ही उन्हें विभागीय योजनाओं से प्राथमिकता के आधार पर लाभान्वित करने के निर्देश दिए गए।

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बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत ने बताया कि राज्य में 6407 गौठान निर्मित एवं संचालित है। इनमें से 1388 गौठानों में चारागाह विकास का कार्य स्वीकृत किया गया है। अब तक 1209 गौठानों में 5315 एकड़ में चारागाह विकास का काम पूरा कर लिया गया है। इसमें से 607 चारागाह को सुरक्षित रखने के लिए फेंसिंग भी करा ली गई है। 726 गौठानों में चारागाह में सिंचाई की सुविधा विकसित की गई है।

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