आधुनिक डेयरी लगाएं
डेयरी उद्यमिता विकास योजना |
योजना का उद्देश्य
- स्वच्छ दूध उत्पादन के लिए आधुनिक डेयरी फार्मो की स्थापना को बढ़ावा देना।
- बछिया – बछड़ा पालन को प्रोत्साहित करना जिससे अच्छे प्रजनन स्टाक का संरक्षण किया जा सके
- असंगठित क्षेत्र में संरचनात्मक परिवर्तन लाना, जिससे कि दूध का प्रारंभिक प्रसंस्करण गाँव स्तर पर ही किया जा सके।
- व्यावसायिक पैमाने पर दूध संरक्षण के लिए गुणवत्ता और पारंपरिक प्रौद्योगिकी का उन्नयन।
- मुख्य रूप से असंगठित क्षेत्र के लिए स्व – रोजगार पैदा करना तथा बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराना ।
योजना का लाभ किसको मिल सकता है
- किसान, व्यक्तिगत उद्यमी, गैर सरकारी संगठन, कंपनियां, असंगठित और संगठित क्षेत्र के समूह इत्यादि 7 संगठित क्षेत्र के समूह में स्वयं सहयता समूह (एसएचजी), डेयरी सहकारी समितियां, दूध संगठन, दूध महासंघ आदि शामिल हैं।
- एक व्यक्ति इस योजना के तहत सभी घटकों के लिए सहायता ले सकता है लेकिन प्रत्येक घटक के लिए केवल एक बार ही पात्र होगा।
- योजना के तहत एक ही परिवार के एक से अधिक सदस्य को सहायता प्रदान की जा सकती है। बशर्ते कि इस योजना के अंतर्गत वे अलग – अलग स्थानों पर अलग बुनियादी सुविधाओं के साथ अलग इकाइयां स्थापित करें। इस तरह की दो परियोजनाओं की चारदीवारी के बीच की दूरी कम से कम 500 मीटर होनी चाहिए।
सहायता का पैटर्न
उद्यमी अंशदान (मार्जिन) – 1 लाख से अधिक बैंक ऋण के लिए परिव्यय (खर्च) (न्यूनतम) का 10 प्रतिशत और 1 लाख तक के ऋण के लिए कोई भी अंतर नहीं है।
पिछला पूंजीगत सब्सिडी – जैसे कि बिंदु संख्या 3 पर उपरोक्त संकेत दिया गया है।
प्रभावी बैंक ऋण – शेष भाग।
क्रेडिट के साथ संबद्धता
इस योजना के अंतर्गत मुख्य रूप से पात्र वित्तीय संस्थाओं द्वारा जुड़ी व स्वीकृत परियोजनाओं को सहायता दी जाएगी।
वित्तीय संस्थान
वाणिज्यिक बैंक
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक
राज्य सहकारी बैंक
राज्य सहकारी सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक
एसे अन्य संस्थान, जो नाबार्ड से पुनर्वित घोषणा के लिए योग्य पात्र है।
नाबार्ड से पुनर्वित सहायता
नाबार्ड वाणिज्यक बैंकों, आरआरबी, एससीबी, एससीएडीबी और अन्य ऐसे योग्य संस्थाओं को पुनर्वित सहायता प्रदान करने। समय – समय पर नाबार्ड द्वारा कावंटम और पुनर्वित पर ब्याज दर तय की जाएगी।