इस सप्ताह का प्रादर्श है ‘ बीजबोनी ‘
काष्ठ निर्मित बुआई का उपकरण
28 दिसंबर 2021, इस सप्ताह का प्रादर्श है ‘ बीजबोनी ‘ – इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय के नवीन श्रृंखला ‘सप्ताह का प्रादर्श’ के अंतर्गत आज दिसम्बर माह के चतुर्थ सप्ताह के प्रादर्श के रूप में “बीजबोनी” (काष्ठ निर्मित बुआई का उपकरण), भावनगर, गुजरात के लोक समुदाय से संकलित जिसका माप- ऊँचाई -21 सेमी, चौड़ाई -23 सेमी, मोटाई- 9 सेमी है। इसे संग्रहालय द्वारा सन, 2005 में भावनगर, गुजरात के लोक समुदाय से संकलित किया गया है। इस प्रादर्श को इस सप्ताह दर्शकों के मध्य प्रदर्शित किया गया।
इस सम्बन्ध में संग्रहालय के निदेशक डॉ. प्रवीण कुमार मिश्र ने बताया कि बीजबोनी, बीजों की बुआई के लिए लकड़ी से बना एक पारंपरिक उपकरण है जो ऊपरी भाग पर एक शंकु के आकार के कटोरे की तरह खुला है। इसके मध्य भाग में एक छिद्र होता है जो नीचे के पांच छोटे छिद्रों से जुड़ा होता है जो खेतों में बीज बोते समय यंत्रवत बीज वितरित करता है। जब बीजों को ऊपरी कटोरे में डाला जाता है, तो वे इन पांच छिद्रों से जुड़ी बांस की पांच नलिकाओं से होते हुए बाहर निकलते हैं। बीजों की बुआई के समय इस उपकरण को हल से जोड़ा जाता है।
इसकी बाहरी सतह पर, पशुओं और फूलों के रूपांकन उत्कीर्णित हैं जो इसे एक आकर्षक रूप देने के साथ ही एक अलग मालिकाना पहचान भी प्रदान करते हैं। इसके एक तरफ हाथी की आकृति है, जबकि दूसरी तरफ उभरी हुई पुष्प आकृति उत्कीर्णित है। उपकरण के दाएं और बाएं किनारों पर तोते की उभरी हुई आकृति उत्कीर्णित है। इसका आधार आयताकार है जिसके किनारे घुमावदार हैं और इसे नीचे से लोहे की पट्टी द्वारा मजबूती प्रदान की गई है।
दर्शक इस का अवलोकन मानव संग्रहालय की अधिकृत साईट(https://igrms.com/wordpress/?page_id=7928)तथा फेसबुक(https://www.facebook.com/NationalMuseumMankind) पर के अतिरिक्त इंस्टाग्राम एवं ट्विटर के माध्यम से घर बैठे कर सकते हैं।