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स्प्रिंकलर खेती बनी लाभ का धंधा

सीहोर जिले की नसरूल्लागंज तहसील मुख्यालय के निवासी लगभग डेढ़ एकड़ भूमि के कृषक श्री रिती कुमार बताते हैं कि में अपनी कृषि भूमि में बरहा पद्धति सें फसल में सिंचाई की जाती थी जिसमें पानी का अपव्यय अधिक होता था, मेरे कुंए में पानी की कमी होने के कारण फसलों में सिंचाई समय पर नहीं कर पाता था। मुझे कृषि विभाग से विभिन्न योजनाओं की जानकारी प्राप्त हुई मैनें कृषि विभाग की एन. एफ. एस. एम. दलहन योजना में स्प्रिंकलर सेट क्रय किया जिस पर मुझे 12,000/- रुपये अनुदान प्राप्त हुआ स्प्रिंकलर सें सिंचाई करने पर मेरे पास पानी का उपलब्धता का उपयोग सही रहा है खासकर मेरे द्वारा बोई गई चना फसल की मुझे पैदावार अच्छी प्राप्त हुई।
मेरे अनुभव के अनुसार सामान्य सिंचाई की अपेक्षा स्प्रिंकलर से फसलों में सिंचाई करना अधिक लाभप्रद है। मैं जिले के अन्य कृषकों से भी आग्रह करता हूँ कि शासन की इस योजना का लाभ प्राप्त कर जल संरक्षण एवं वैज्ञानिक सिंचाई द्वारा अधिक उत्पादन प्राप्त कर खेती को लाभ का धंधा बनाएं।

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