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उर्वरक वितरण में – रास नहीं आ रही पीओएस मशीन

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(विशेष प्रतिनिधि)
भोपाल। मध्यप्रदेश में उर्वरक वितरण के लिये लगभग सभी जिलों में पीओएस मशीन वितरित की जा चुकी है। निजी एवं सहकारिता क्षेत्र में लगभग 4 हजार 5 सौ से अधिक मशीनें बांटी जा चुकी है। जबकि अभी लगभग 3000 मशीनों की और आवश्यकता है, जिसके लिये केन्द्रीय उर्वरक मंत्रालय से हरी झंडी का इंतजार किया जा रहा है।

  • 4,500 पीओएस मशीनें वितरित
  • 3,000 पीओएस मशीनों की और आवश्यकता
  • पीओएस मशीनों से उर्वरक विक्रय प्रारंभ
  • पी.ओ.एस. मशीन के आंकड़ों पर आधारित होगा कम्पनियों को अनुदान

सूत्र बताते हैं कि उर्वरक विक्रेताओं के बीच से इस नई प्रक्रिया को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रियायें आ रही हैं। व्यापारी कोई विकल्प नहीं होने के कारण इस प्रक्रिया को अपनाने को बाध्य है। दबे -छुपे स्वर में यह धारणा भी बाहर आ रही है कि उर्वरक व्यवसाय में अब पहले जैसा लाभ नहीं रहेगा। जिसके चलते कतिपय व्यापारियों ने उर्वरक व्यवसाय से अपने हाथ खींच लिए हैं। वहीं कई छोटे अनियमित विक्रेताओं को भी अब लाइसेंस लेना पड़ रहा है, क्योंकि लाइसेंसी विक्रेता को पीओएस मशीन मिलेगी। उर्वरक निर्माता भी उन्हीं विक्रेताओं को उर्वरक प्रदाय करेंगे जिनके पास पीओएस मशीन होगी। अब निर्माताओं को भी केंद्र सरकार से अनुदान पीओएस मशीन के आंकड़ों के अनुसार ही मिलेगा।
इस सब ऊहापोह के बीच एक बात सभी स्वीकार कर रहे हैं कि इस प्रक्रिया से कम्पनी, व्यापारी व किसान सभी को लाभ होगा। उर्वरक की कालाबाजारी पर अंकुश लगेगा व उपलब्धता सुलभ होगी।

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