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आदर्श है सिपानी कृषि अनुसंधान फार्म

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मंदसौर। महाविद्यालयों से निकलने वाले विद्यार्थी नौकरियो की ओर भागते हैं। उन्हे उद्यमी बनाना है। भारत सरकार का भी लक्ष्य वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दुगना करने का है। इसके लिये नवाचार को प्रोत्साहित किया जा रहा है। मंदसौर का सिपानी अनुसंधान फार्म इस क्षेत्र मे आदर्श उदाहरण है। कृषि क्षेत्र मे देश की सर्वोच्च संस्था भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के डायरेक्टर जनरल डॉ. त्रिलोचन महापात्रा ने ग्राम चांगली स्थित सिपानी कृषि अनुसंधान फार्म पर परिषद के सहयोगी संस्थान के रूप मे स्थापित होने वाले कोलाबोरेटिव आउट स्टेशन रिसर्च सेंटर (सीओआरसी) के शिलान्यास अवसर पर यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सिपानी अनुसंधान फार्म पर विकसित एक हेक्टेयर में 10 टन गेहूं की फसल लिये जाने वाले अनुसंधान का राष्ट्रीय स्तर पर परीक्षण कर परिषद उसे बीज के रूप में सारे देश में वितरित करेगी। यह मंदसौर के लिये गौरव की बात होगी।
आईएआरआई के निदेशक डॉ. ए.के. सिंह ने कहा कि नई तकनीक को किसानों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी हमारी है। सिपानी कृषि अनुसंधान फार्म में संचित प्रजातियों का रखरखाव वैज्ञानिक तरीके से किया गया है। ऐसा अन्य स्थानों पर नहीं दिखाई देता। राजमाता सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर के कुलपति डॉ. एस.के. राव के अनुसार जोखिम से डरने वाले नौकरियों के पीछे भागते हैं। देश में कई बीज कंपनीयां अनुसंधान के नाम पर केवल व्यवसाय कर रही हंै। श्री सिपानी की वर्षो की मेहनत ने उनके अनुसंधान को प्रमाणित किया है।
डॉ. वी.एन. श्राफ ने कहा कि भारतीय कृषि पद्धति को पुन: अपनाए जाने एवं वर्तमान कृषि प्रणाली को पूरी तरह बदलने की जरूरत है। मंदसौर कृषि महाविद्यालय के डीन एवं गन्ना कमिश्नर रह चुके श्री साधुराम शर्मा ने कहा कि अनुसंधान के चलते ही अफीम की फसल को 16 किलो से बढ़ाकर 38 किलो किया जा सका। जेनेटिक्स के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ. ए.के. सिंह, सिओआरसी के अधिकारी श्री अक्षय तालुकदार ने कहा कि श्री सिपानी ने जलवायु के अनुकूल किस्मों का अनुसंधान किया है। अटारी के डॉ. अनुपम मिश्रा , शिक्षाविद श्री रंगलाल धाकड़ ने किसानों से विवेक सम्मत निर्णय लेकर उपभोक्तावाद से बचने का अनुरोध किया । स्वागत भाषण देते हुए एसकेएएफ के निदेशक नरेन्द्र सिंह सिपानी ने गेहूं के अलावा मक्का, अरहर, सोयाबीन के क्षेत्र में किये गये अनुसंधान की जानकारी दी। कार्यक्रम में वरिष्ठ अभिभाषक श्री मंगेश भाचावत ने भी अपने विचार रखे। अतिथियो ने श्री नरेन्द सिंह सिपानी के व्यक्तित्व एंव कृतित्व पर आधारित डॉ. सतीश बिरथरे द्वारा लिखित पुस्तक एवं संस्थान की रजत प्रतिकृति का विमोचन किया। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ कवि प्रमोद रामावत ने किया। आभार वरिष्ठ पत्रकार ब्रजेश जोशी ने माना।

 मुख्यमंत्री श्री चौहान की घोषणा
 किसानों से डोडाचूरा खरीदकर नष्ट करेगी सरकार
मंदसौर। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा में घोषणा की कि प्रदेश के अफीम उत्पादक किसानों को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। म.प्र. सरकार किसानों से समर्थन मूल्य पर डोडाचूरा खरीदकर नष्टीकरण करेगी।
म.प्र. विधानसभा में गत दिनों मंदसौर के विधायक श्री यशपाल सिंह सिसोदिया ने ध्यानाकर्षण के माध्यम से एम्बूलेंस में डोडाचूरा की तस्करी और उससे होने वाली दुर्घटनाओं के मुद्दे को विधानसभा में उठाया था।
राज्यपाल के अभिभाषण पर म.प्र. के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने गत दिनों कहा कि अब किसानों का डोडाचूरा समर्थन मूल्य पर म.प्र. की सरकार खरीदेगी और नष्ट करेगी।

 

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