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सरकार ने नैफेड को डूबने से उबारा

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कृषि मंत्री ने दी प्रबंधन को कड़ी नसीहत

नई दिल्ली। बैंकों के कर्ज के भंवर में डूब चुके सहकारी संस्थान नैफेड को सरकार के हस्तक्षेप से उबार लिया गया है। उसकी उधारी का जिम्मा सरकार ने उठाया है। वहीं नैफेड ने अपने कारोबार को बढ़ाकर सरकार की पूंजी को लौटाने का वायदा किया है। इस मौके पर आयोजित एक समारोह में कृषि मंत्री श्री राधामोहन सिंह ने नैफेड प्रबंधन को सख्त चेतावनी के लहजे में कहा ‘फिर ऐसी गलती हुई तो भगवान भी नहीं बचा सकते हैं।
श्री सिंह ने आश्चर्य जताते हुए कहा ‘नैफेड को कर्ज के गर्त में डालने वाला प्रबंध तंत्र बिना किसी गारंटी के प्राइवेट पार्टियों को अंधाधुंध लोन बांटता रहा।’ प्रबंधन को कड़ी फटकार लगाते हुए कृषि मंत्री ने तल्ख लहजे में कहा कि सहकारी संस्थाओं में पेशेवर व्यक्तियों की घोर कमी है। पूर्ववर्ती सरकार की नीतियों पर बरसते हुए श्री सिंह ने कहा कि यूपीए शासन काल में नैफेड को मात्र 250 करोड़ रुपए तक की गारंटी दी थी। लेकिन राजग सरकार ने प्रधानमंत्री की अनुमति से 42 हजार करोड़ रुपए की गारंटी दी गई है। नैफेड के मौजूदा प्रबंधन ने भी सरकारी कारोबार करने की चाहत बताई थी। इससे कमाकर सरकारी मदद वापस करने का भरोसा दिया है। उन्होंने कहा ‘समय बलवान है। नैफेड इसकी मिसाल है।
इस मौके पर सहकारी क्षेत्र के सभी दिग्गजों के साथ केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री सर्वश्री धर्मेन्द्र प्रधान, केन्द्रीय कृषि राज्यमंत्री परषोत्तम रूपाला, गजेन्द्र सिंह शेखावत मौजूद थे। सहकारी नेताओं ने एनसीयूआई अध्यक्ष चंद्रपाल सिंह यादव नैफेड के अध्यक्ष वीआर पटेल, वाइस चेयरमैन दिलीप भाई संघानी उपस्थित थे। अपर प्रबंध निदेशक सुनील कुमार सिंह ने आयोजन में हिस्सा लेने वालों के प्रति आभार जताया।

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