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गेहूं के रकबे में कमी

उत्पादन घटने की संभावना

(विशेष प्रतिनिधि)
नई दिल्ली/भोपाल। इस वर्ष औसत से 15 प्रतिशत कम वर्षा होने के कारण म.प्र., महाराष्ट्र, उ.प्र. और गुजरात में गेहूं के बुआई क्षेत्र में कमी आई है, बल्कि पिछले वर्ष की तुलना में प्रमुख राज्यों में धान, दलहन और तिलहन के क्षेत्र में भी कमी आई है। गत दिनों हुई मावठे की वर्षा एवं ठंडक के लौटने से गेहूं की स्थिति में सुधार हुआ है फिर भी रकबा कम होने के कारण उत्पादन में कमी की संभावना है।
देश में पिछले वर्ष लगभग 306 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बुआई की गई थी, जबकि इस बार 292.52 लाख हेक्टेयर में ही बुआई हो सकी है। गेहूं के उत्पादन में अपनी अलग पहचान बनाने वाले मध्यप्रदेश में पिछले वर्ष 58.44 लाख हेक्टेयर में गेहूं बुआई की गई थी, जबकि इस बार यह क्षेत्र घटकर 51.84 लाख हेक्टेयर पर आ गया है। जो गत वर्ष की तुलना में लगभग 6 लाख हेक्टेयर कम है।
गेहूं के प्रमुख उत्पादक राज्य पंजाब और हरियाणा ने अपनी पुरानी स्थिति को लगभग बरकरार रखा है। बहुत अच्छी सिंचाई सुविधा वाले इन दोनों में से पंजाब ने पिछली बार 35 लाख हेक्टेयर में गेहूं की फसल लगाई थी और वहां इस बार भी 34.97 लाख हेक्टेयर में इसकी खेती की गई है। हरियाणा में पिछले वर्ष 24.90 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बुआई हुई थी, लेकिन इस बार यहां लगभग 25 लाख हेक्टेयर में इसे लगाया है। सबसे अधिक क्षेत्र में गेहूं की फसल लगाने वाले उत्तर प्रदेश में पिछली बार 98.67 लाख हेक्टेयर में बुआई की गई थी, इस वर्ष घटकर 94.99 लाख हेक्टेयर हो गया है।
कई वर्षों से सूखे की चपेट में पड़े महाराष्ट्र में इस बार 6.19 लाख हेक्टेयर में ही गेहूं की बुआई हुई है जबकि पिछले वर्ष यहां 8.68 लाख हेक्टेयर में इसे लगाया था। इसी प्रकार इस वर्ष सूखे का सामना कर रहे गुजरात में पिछले वर्ष 11.34 लाख हेक्टेयर में गेहूं की फसल लगाई थी, इस बार घटकर लगभग 9 लाख हेक्टेयर हो गया है। बिहार में 23 लाख हेक्टेयर में तथा पश्चिम बंगाल में साढ़े तीन लाख हेक्टेयर में गेहूं की बुआई की गई है। राजस्थान में इस बार 29.65 लाख हेक्टेयर में गेहूं की फसल लगाई गई है।

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