रिलायंस फाउण्डेशन की किसानों को सलाह
- गेहूं की शीघ्र पकने वाली किस्में: सिंचित- एचआई1544, 418, 1479, एमपी 366, एचडी 2864, 2932, जेडब्ल्यू 1202, 1203। 1 से 2 पानी वाली किस्में- एचआई 1500, 1531, जेडब्ल्यू 3211, 3288, 3173, है।
- चने छोटे एवं मध्यम आकार के दाने वाली किस्मों के लिए 60-80 किलोग्राम तथा बड़े दाने वाली किस्मों के लिए 80-100 किलोग्राम प्रति हे. बीज की आवश्यकता होती है। बुआई 30-35 सेमी दूर कतारों मे करें। बुआई से पूर्व बीजों को राइजोबियम और पीएसबी के टीकों से उपचार करे।
- चना में उकठा एक प्रमुख समस्या है इससे राहत हेतु उकठा अवरोधी किस्में जैसे. जेजी 16, जेजी 63, जेजी 74, जेजी 130, जेजी 226, केजीडी 1168 एवं देर से बुवाई के लिए तापक्रम सहनशील प्रजाति जेजी14 आदि का चयन करें!
- सरसों की किस्में- आरवीएस 2, पूसा तारक, पूसा बोल्ड, वरुणा का चयन करें तथा 2 किग्रा प्रति एकड़ बीज का प्रयोग करना चाहिए। बीजोपचार वीटावैक्स 2 ग्राम दवा प्रति किग्रा बीज की दर से उपचार कर बुवाई करें।
- मसूर का बीज दर- छोटे दाने वाले मसूर की 25 से 30 किलोग्राम प्रति हे. की दर से बुआई करें। बड़े दाने वाली मसूर की 35 से 40 किलोग्राम प्रति हे. की दर से बुआई करें।
- चना, मसूर, मटर आदि दलहन फसलों में बीज को फफूंदनाशक दवा थाइरम 3 ग्राम या कार्बेन्डाजिम 2 ग्राम प्रति किलो बीज की दर से बीजोपचार करने के उपरांत जैव उर्वरक राइजोबियम कल्चर 5 ग्राम, पीएसबी कल्चर 5 ग्राम प्रति किलो बीज से उपचारित करें।
उद्यानिकी
- आलू के बीज को शीतग्रह से निकालकर किसी छायादार व हवादार स्थान मे ढेर लगाकर 5-6 दिनों तक रखें। आलू की बुआई हेतु किस्म का चयन कर 30 से 50 ग्राम भार वाले अंकुरित कन्द को मैंकोजेब 50 ग्राम एवं कार्बेन्डाजिम 10 ग्राम प्रति 20 लीटर पानी के घोल में 20 से 25 मिनट तक डुबोकर उपचारित करने के पश्चात अक्टूबर द्वितीय से अंतिम सप्ताह बुआई के लिए उचित समय है।
पशुपालन
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- पशुओं को साफ पानी दिन में दो बार दें साथ ही हरा चारा दे। बाहरी परजीवी से बचाव के लिए ब्यूटोक्स का उपयोग करें।
अधिक जानकारी के लिये रेडियो पर सुनें किसान संदेश आकाशवाणी के एफ एम विविध भारती भोपाल 103.5 मेगा हा., जबलपुर 102.9 मेगा हा., पर शाम 6.30 से 6.35बजे एवं आकाशवाणी छिंदवाड़ा 675 कि.हा.पर शाम 7.00 से 7.05 बजे। |
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