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जीएम सरसों की खेती सरकार क्यों दे रही है इसे बढ़ावा

भारत एक जादू के लिए तैयार है-निम्न स्तर के गुणसूत्रीय बदलाव वाली जीएम मस्टर्ड (सरसों) से पैदावार बढ़ोत्तरी का जादू। शायद भारतीय वैज्ञानिकों का ये कोई रोप ट्रिक यानि रस्सी वाला जादू है। मैंने दुनिया में कहीं भी बदतर किस्म

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समस्या- सरसों फसल में पौध संरक्षण के हिसाब से वर्तमान में क्या कार्य करें विस्तार से बतायें।

– मनमोहन मौर्य, बम्होरी समाधान– सरसों की फसल वर्तमान में फूल-फली की अवस्था में चल रही है इस मौके पर कीट/रोग के आक्रमण पर निरीक्षण और उपाय तत्परता से किया जाना जरूरी होगा। आप निम्न बातों पर ध्यान दें। निचली

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संपादकीय (Editorial)

सरसों के पीड़कनाशी कीटों का प्रबंधन

माहू या चैंपा, लिपेफिस इरिसामी: यह कीट छोटा, कोमल,सफेद, हरे रंग का होता है। इस कीट के शिशु एवं प्रौढ़ दोनों पौधे के विभिन्न भाग से रस चूसते है। यह प्राय: दिसंबर के अंत से लेकर फरवरी के अंत तक

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फसल की खेती (Crop Cultivation)

Mustard / सरसों

बीज उत्पादक कम्पनियों की संकर एवं उन्नत किस्में कंपनी किस्में सरसों     महिको महिको बोल्ड, श्रद्धा   आर्या  संपदा, विशाखा   नाथ बायोजीन नाथ सोना-212, सुपर सोना   नुजीवीडू सीड्स एनएसएमएसएच 135, 4, आरएच 30, टी9, जम्बो 1, 2,

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फसल की खेती (Crop Cultivation)

सरसों में ओरोबैंकी का प्रबन्धन

ओरोबैंकी:- ओरोबैंकी या आग्या  या बादा या हड्डा (बु्रमरेप) की जातियां पूर्ण रूप से मूल परजीवी होती हैंं। यह विभिन्न फसलों पर आक्रमण करती हैं जिसमें सरसों, बैंगन, टमाटर, तम्बाकू, फूलगोभी, पत्तागोभी, शलजम और कई सोलोनेसी तथा क्रुसीफेरी कुल के

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फसल की खेती (Crop Cultivation)

सरसों में एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन (आईपीएम)

प्रमुख नाशीजीव ( प्रमुख कीट एवं रोग) चेपा/माहू – यह कीट छोटा, कोमल, सफेद-हरे रंग का होता है। इस कीट के शिशु एवं प्रौढ़ दोनों पौधों के विभिन्न भागों से रस चूसते हैं। यह प्राय: दिसम्बर के अन्त से लेकर

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राज्य कृषि समाचार (State News)

तिलहनी फसलों में सिंचाई

राई सरसों : सरसों वर्गीय सभी फसलें मुख्यतया वर्षा निर्भर क्षेत्रों में बोयी जाती हैं। ये फसलें मिट्टी से काफी गहराई से पानी प्राप्त कर सकती हैं। अत: इनकी उपज भूमि में संरक्षित नमी पर निर्भर करती हैं। परीक्षणों के

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राज्य कृषि समाचार (State News)

117 लाख हेक्टेयर में ली जाएंगी रबी फसलें

(विशेष प्रतिनिधि) भोपाल। प्रदेश में खरीफ फसलों की कटाई के बाद किसान अब रबी की तैयारी में जुट गए हैं। कृषि विभाग भी तैयारी में लगा हुआ है। म.प्र. में इस वर्ष रबी 2016-17 में 117 लाख 16 हजार हेक्टेयर

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राज्य कृषि समाचार (State News)

पूसा बोल्ड सरसों का आकर्षण

शाजापुर। कृषि विज्ञान केन्द्र, शाजापुर द्वारा ग्राम सुनेरा में प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक, डॉ. जी.आर. अम्बावतिया, डॉ. ए.के. मिश्रा, डॉ. एस.एस. धाकड़ व श्री एन.एस. खेड़कर के साथ-साथ 50 से अधिक

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संपादकीय (Editorial)

रबी सरसों की खेती

मृदा व उसकी तैयारी सरसों की खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी सर्वाधिक उपयुक्त होती है। भूमि का पी.एच. मान 7-8 के बीच अर्थात् उदासीन से हल्की क्षारीय मिट्टी सरसों की खेती के लिए अच्छा रहता है। सरसों की खेती

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