State News (राज्य कृषि समाचार)

मानसून की पर्याप्त वर्षा होने पर ही सोयाबीन कपास आदि लगाएं

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किसानों को कृषि वैज्ञानिकों की सलाह

27 मई 2023, खंडवा: मानसून की पर्याप्त वर्षा होने पर ही सोयाबीन कपास आदि लगाएं – आगामी खरीफ फसल हेतु किसानों को कृषि वैज्ञानिकों द्वारा उचित सलाह दी गई है। कृषकों को आगामी खरीफ, रबी और जायद में कौन-कौन सी फसलें लेना है, इसका अभी समय रहते नियोजन करें तथा फसलों के अधिकाधिक उत्पादन लेने हेतु प्रत्येक स्तर पर समेकित प्रबंधन करें तथा फसलों के नियोजन अनुसार लगने वाले प्राथमिक आदानों का प्रबंध कर लें। यह बात कृषि महाविद्यालय , खण्डवा के अधिष्ठाता डॉ. आर. आई. सिसोदिया ने कही।

डॉ. सिसोदिया ने बताया कि क्षेत्र के किसानों को अपने खेतों की गहरी जुताई कर खरीफ फसलों की तैयारी आरम्भ करें। गहरी जुताई द्वारा भूमि में उपस्थित कीट व्याधियों की सुसुप्तावस्थाएँ एवं खरपतवार नष्ट होते हैं और फसल बोने के बाद इनसे फसल की सुरक्षा होती है। उन्होंने कृषकों से अपील की कि वे अभी से आने वाले समय के लिए कृषि आदानों विशेषकर आवश्यकतानुसार उच्च गुणवत्ता वाले फसलों के बीजों को विश्वसनीय विक्रेता/संस्था से प्राप्त करें । इसके अलावा किसान भाई खेतों का समतलीकरण, मेड़ बंदी, सिंचाई नालियों को दुरूस्त करा लें। मानसून की वर्षा प्रारंभ होने के पूर्व पची हुई गोबर खाद को खेतों में बिखेर दे। रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम से कम रखने की जुगत करें तथा जैविक खेती को बढ़ावा दे। समय रहते कीट-व्याधियों का उचित प्रबंधन करें। परामर्श के लिए कृषक बंधु कृषि महाविद्यालय एवं कृषि विज्ञान केन्द्र पहुंचकर मार्गदर्शन ले सकते हैं।

खरीफ की तैयारी के सन्दर्भ में श्री सतीश परसाई, वरिष्ठ वैज्ञानिक (कीट विज्ञान) ने विशेष तौर पर क्षेत्र/प्रदेश के कृषकों से अपील की कि वे मानसून की पर्याप्त वर्षा होने के बाद ही सोयाबीन कपास आदि की फसल लगाएं । उन्होंने कृषकों को सलाह दी कि वे शीघ्र या मध्यम अवधि में पकने वाली बी.टी. जातियों का ही चयन करें। उच्च गुणवत्ता वाली किसी भी बी.टी. कपास की प्रजाति को लगाएं । उन्होंने कृषकों से आग्रह किया कि वे उन खेतों में इस वर्ष कपास न लगावें जहाँ गत वर्ष उन्होंने कपास लगाया था। श्री परसाई ने कहा कि इन उपायों के अपनाने से आने वाले समय में फसल को कीट व्याधियों के प्रकोप से बचाने या उन्हें न्यूनतम स्तर पर रखने में मदद मिलेगी।

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