राज्य कृषि समाचार (State News)

रबी फसलों की बुवाई: किसानों को सलाह

31 अक्टूबर 2025, रीवा: रबी फसलों की बुवाई: किसानों को सलाह – जिले में रबी फसलों की बोनी दिसम्बर तक की जाती है। इस समय किसान मौसम साफ होने और धान कटने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। रबी फसल की बुवाई के लिए किसानों मुख्य रूप से बीज और उर्वरक पर ध्यान देना आवश्यक है। बीज के गुणवत्तापूर्ण होने और उर्वरक का संतुलित उपयोग होने पर ही अच्छी पैदावार और खेती से लाभ प्राप्त होता है। इसलिए कृषक बंधुओं को ध्यान रखना चाहिए कि कौन सी खाद, कब, किस विधि से एवं कितनी मात्रा में देनी है।        

उप संचालक कृषि  श्री यूपी बागरी ने किसानों को सलाह देते हुए कहा है कि गेहूँ सिंचाई हेतु अनुशंसित नत्रजन फास्फोरस पोटाश तत्व 120:60:40 सिंचित पछेती बोनी 80:40:30 असिंचित गेहूँ 60:30:30 एवं चना हेतु एनपीके 20:60:20 एवं गंधक 20 किग्रा. प्रति हेक्टेयर उपयोग में लाना चाहिए। प्रायः कृषक बंधु डीएपी एवं यूरिया का बहुतायत से प्रयोग करते हैं। डीएपी की बढ़ती मांग, उंचे रेट एवं मौके पर स्थानीय अनुपलब्धता से कृषकों को कई बार समस्या का सामना करना पड़ता है। परंतु यदि किसान डीएपी के स्थान पर अन्य उर्वरक जैसे सिंगल सुपर फास्फेट, एनपीके (12:32:16), एनपीके (16:26:26) एनपीके (14:35:14) एवं अमोनियम फास्फेट सल्फेट का प्रयोग स्वास्थ मृदा कार्ड की अनुशंसा के आधार पर करें तो वे इस समस्या से निजात पा सकते है।

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उप संचालक ने कहा है कि फसलों में कृषक नत्रजन फास्फोरस के साथ-साथ पोटाश खाद का उपयोग करें। इसके उपयोग से फसल के दाने पुष्ट और चमकदार होते हैं। जहां डीएपी उर्वरक का प्रभाव भारी भूमि में अधिक प्रभावशाली होता है वहीं एनपीके उर्वरकों का प्रभाव हल्की भूमि में ज्यादा कारगर होता है। एसएसपी के प्रयोग से भूमि की संरचना का सुधार होता है क्योकि इसमें कॉपर 19 प्रतिशत एवं सल्फर 11 प्रतिशत पाया जाता है।  सामान्यतः एक स्वस्थ पौधे में नत्रजन की मात्रा 1.5 प्रतिशत से 4 प्रतिशत तक होती है। फसल विकास की विभिन्न अवस्थाओं में नैनो यूरिया (तरल) का पत्तियों पर छिड़काव करने से नाइट्रोजन की आवश्यकता प्रभावी तरीके से पूर्ण होती है एवं साधारण यूरिया की तुलना में अधिक एवं उत्तम गुणवत्ता युक्त उत्पादन प्राप्त होता है। नैनो यूरिया (तरल) के उपयोग से फसल उपज, बायोमास, मृदा स्वास्थ्य और फसल की पोषण गुणवत्ता में सुधार होता है। साथ ही यूरिया की आवश्यकता को 50 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है। नैनो यूरिया (500 मि.ली.) की एक बोतल कम से कम एक यूरिया बैग के बराबर होती है।

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