राजस्थान बनेगा भारत का ऑर्गेनिक हब, किसानों को मिलेगा नया बाजार-कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल
17 सितम्बर 2025, भोपाल: राजस्थान बनेगा भारत का ऑर्गेनिक हब, किसानों को मिलेगा नया बाजार-कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल – नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय कृषि सम्मेलन–रबी अभियान–2025 के समापन समारोह में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि राजस्थान के कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल द्वारा अमानक खाद, पेस्टिसाइड और बीजों के खिलाफ चलाया गया अभियान काफी सफल रहा। इस अभियान से प्रदेश के किसानों को बड़ा फायदा हुआ है। उन्होंने कहा कि डॉ. किरोड़ी लाल ने सम्मेलन में कई उपयोगी सुझाव दिए हैं, जिन पर केंद्र सरकार पूरी तरह से अमल करेगी।
डॉ. किरोड़ी लाल ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने रीसायकल पानी का 85 प्रतिशत हिस्सा किसानों को सिंचाई के लिए देने का कानून बनाया है। उन्होंने सुझाव दिया कि ऐसा कानून देश के अन्य राज्यों में भी लागू किया जाए, ताकि खेती में पानी की कमी को दूर किया जा सके। उन्होंने इस कार्यक्रम को ऐतिहासिक बताया और कहा कि इसमें “वन नेशन, वन एग्रीकल्चर, वन टीम” जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई है।
लैब टू लैंड अभियान से किसानों को सीधे लाभ
उन्होंने यह भी कहा कि खरीफ कृषि विकसित संकल्प अभियान भी एक ऐतिहासिक कदम था। इसमें वैज्ञानिकों ने गांवों में जाकर खेतों में किसानों को उन्नत कृषि तकनीक, उर्वरक और बीजों की जानकारी दी। इससे किसानों को काफी लाभ हुआ। अब रबी फसल के पहले भी ऐसा ही अभियान चलाया जाएगा।
राजस्थान के कृषि मंत्री ने बताया कि राज्य में पेस्टिसाइड, बीज और उर्वरकों की बड़ी संख्या में जांच की गई, जिसमें कई कंपनियों की गड़बड़ियां सामने आईं। इसी तरह पंजाब और हरियाणा में भी जांच कर लाइसेंस रद्द किए गए, जिससे खाद-बीज की गुणवत्ता में सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि खाद-बीज में मिलावट करना किसानों और देश दोनों के साथ धोखा है, और इसके खिलाफ कड़ा कानून बनाया जाना चाहिए।
राजस्थान के पास जैविक खेती की पूरी संभावनाएं
कृषि मंत्री ने कहा कि कुछ व्यापारी अधिक मुनाफा कमाने के लिए उर्वरकों पर टेकिंग (गलत तरीके से कीमत बढ़ाना) करते हैं, जिसे तुरंत बंद किया जाना चाहिए। उन्होंने राज्यों की गैपवार स्टडी कर अनुसंधान बजट दोगुना करने की मांग भी की।
डॉ. किरोड़ी लाल ने बताया कि राजस्थान बाजरा, जीरा, धनिया और अजवाइन के उत्पादन में आगे है। राज्य में जिप्सम और रॉक फॉस्फेट प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है और पशुधन भी बहुत है। इन संसाधनों के कारण राजस्थान भारत का ऑर्गेनिक हब बन सकता है। अगर सही नीति बनाई जाए, तो राजस्थान के किसानों को अंतरराष्ट्रीय जैविक बाजार से भी जोड़ा जा सकता है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति और बेहतर हो सकेगी।
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