राजस्थान: कुलगुरु डॉ. विमला डूंकवाल का केवीके बूंदी दौरा, फसल तकनीकों और बीज उत्पादन कार्यक्रम की सराहना
09 दिसंबर 2025, जयपुर: राजस्थान: कुलगुरु डॉ. विमला डूंकवाल का केवीके बूंदी दौरा, फसल तकनीकों और बीज उत्पादन कार्यक्रम की सराहना – कृषि विश्वविद्यालय कोटा की कुलगुरु डॉ. विमला डूंकवाल ने कृषि विज्ञान केंद्र, बूंदी का दौरा किया और केंद्र में संचालित विभिन्न गतिविधियों, प्रदर्शन इकाइयों तथा किसानों के हित में चलाए जा रहे कार्यक्रमों के बारे में विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने बीज उत्पादन फार्म, विविध फसलों की प्रदर्शन इकाइयों, फसल उत्पादन प्रौद्योगिकियों, कृषक भवन, प्रशिक्षण कक्ष एवं किसान घर का निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान कुलगुरु ने फसलों की वर्तमान स्थिति, बीज उत्पादन के स्तर, खेतों में अपनाई जा रही नवीन तकनीकों तथा प्रदर्शन प्लॉट्स के परिणामों के बारे में विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने खेतों में विकसित फसलों की गुणवत्ता और तकनीकी हस्तांतरण की प्रक्रिया की सराहना करते हुए कहा कि कृषि विज्ञान केंद्र बूंदी जिले में कृषि विकास का महत्वपूर्ण केंद्र है जो स्थानीय किसानों को वैज्ञानिक तकनीकों से जोड़ने का उत्कृष्ट कार्य कर रहा है। डॉ. ढूंकवाल ने विशेष रूप से बीज उत्पादन कार्यक्रम, फसल विविधीकरण प्रयासों, कृषि आधारित उद्यमिता विकास तथा किसानों की आजीविका सुधारने के प्रयासों को सराहनीय बताते हुए कहा कि इस दिशा में और विस्तार की संभावनाएँ है।
उन्होंने वैज्ञानिकों को निर्देश दिया कि किसानों के खेतों पर अधिक से अधिक व्यवहारिक प्रदर्शन आयोजित किए जाएं ताकि तकनीकें जमीनी स्तर पर प्रभावी रूप से लागू हो सकें। कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. महेश चौधरी ने केवीके द्वारा की जा रही गतिविधियों, उपलब्धियों तथा आने वाले वर्ष की कार्य योजना से कुलगुरु को अवगत कराया। उन्होंने बताया कि केंद्र द्वारा किसानों के लिए विभिन्न प्रशिक्षण, फसल प्रदर्शन, उद्यमिता विकास कार्यक्रम तथा प्राकृतिक खेती जैसे विषयों पर लगातार कार्य किए जा रहे हैं।
मृदा वैज्ञानिक डॉ. सेवाराम रुंडला ने किसानों के खेतों पर आयोजित प्रथम पंक्ति प्रदर्शनों की जानकारी दी। फार्म मैनेजर महेंद्र चौधरी ने बीज उत्पादन कार्यक्रम की प्रगति, उत्पादित बीजों की गुणवत्ता, क्षेत्र विस्तार और आगामी सीजन की योजनाओं के बारे में विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि केवीके बूंदी गुणवत्तापूर्ण बीज उत्पादन के माध्यम से किसानों को समय पर उपलब्ध कराकर उनकी उत्पादकता बढ़ाने में सहयोग कर रहा है।
कुलगुरु डॉ. ड्रंकवाल ने वैज्ञानिकों से कहा कि अनुसंधान एवं विस्तार की गतिविधियों के माध्यम से किसानों की समस्याओं के समाधान पर निरंतर कार्य किया जाए और नवाचारों को अधिकतम किसानों तक पहुँचाया जाए। उन्होंने किसान हितैषी शोध, जल संरक्षण तकनीकों, जलवायु परिवर्तन अनुकूल खेती और उद्यमिता आधारित कृषि मॉडल विकसित करने की दिशा में केंद्र को और सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया। दौरे के अंत में कुलगुरु ने केवीके बूंदी की पूरी टीम के द्वारा किए जा रहे प्रयासों की प्रशंसा की और कहा कि केंद्र ने जिले में कृषि विकास को नई दिशा देने का कार्य किया है। इस दौरान केन्द्र के कर्मचारी लोकेश प्रजापत, दीपक कुमार, रामप्रसाद आदि भी मौजूद रहे।
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