पुष्कर मेला 2025: 10 करोड़ का घोड़ा और 23 करोड़ की भैंस बने आकर्षण का केंद्र
31 अक्टूबर 2025, पुष्कर: पुष्कर मेला 2025: 10 करोड़ का घोड़ा और 23 करोड़ की भैंस बने आकर्षण का केंद्र – देश के सबसे बड़े और ऐतिहासिक पशु मेलों में से एक पुष्कर मेला इस वर्ष 30 अक्टूबर से 5 नवंबर तक आयोजित किया जा रहा है। हजारों पशुपालक, व्यापारी और पर्यटक इस पारंपरिक मेले में शामिल हो रहे हैं, लेकिन इस बार दो पशु विशेष चर्चा का विषय बने हुए हैं — एक 10 करोड़ रुपये मूल्य का घोड़ा और 23 करोड़ रुपये की भैंस।
यह दोनों पशु अपनी नस्ल की गुणवत्ता और ब्रीडिंग क्षमता के कारण अत्यधिक मूल्यवान माने जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि ये घोड़ा और भैंस कृत्रिम गर्भाधान (Artificial Insemination) के लिए उपयोग किए जाते हैं। इनके शुक्राणु (semen) की बिक्री से उच्च गुणवत्ता वाली नस्लों का उत्पादन किया जाता है, जो दूध उत्पादन और शारीरिक क्षमता दोनों में बेहतर माने जाते हैं।
राजस्थान पशुपालन विभाग और स्थानीय प्रशासन के अनुसार, इस बार मेले में देशभर से पशु पालक और नस्ल सुधारक पहुंचे हैं। पशुपालन विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के प्रजनन योग्य पशु ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा दे रहे हैं और उन्नत नस्ल सुधार में सहायक साबित हो रहे हैं।
पुष्कर पशु मेला पारंपरिक रूप से ऊँटों, घोड़ों, गाय-भैंसों और अन्य पशुओं के व्यापार के लिए प्रसिद्ध रहा है। यह मेला न केवल कृषि और पशुपालन के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि पर्यटन और स्थानीय हस्तशिल्प कारोबार के लिए भी बड़ी आर्थिक गतिविधि लेकर आता है।
इस वर्ष मेले में पशु प्रदर्शन, सांस्कृतिक कार्यक्रम, लोक संगीत और प्रतियोगिताएँ भी आयोजित की जा रही हैं। पशुपालक अपनी नस्लों की विशेषताओं का प्रदर्शन कर रहे हैं, जबकि खरीदार प्रजनन क्षमता और उत्पादन क्षमता के आधार पर मूल्यांकन कर रहे हैं।
राजस्थान सरकार का कहना है कि ऐसे आयोजनों से देश के पशुधन क्षेत्र में निवेश बढ़ता है और किसानों को उन्नत तकनीक अपनाने की प्रेरणा मिलती है।
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