खेत में ड्रोन का उपयोग करने में रखी जाने वाली सावधानियां
9 अगस्त 2022, इंदौर । खेत में ड्रोन का उपयोग करने में रखी जाने वाली सावधानियां – खेती के क्षेत्र में अब ड्रोन का उपयोग होने लगा है। ड्रोन के उपयोग से पानी, कीटनाशक और समय तीनों की बचत होती है। इससे किसानों की लागत में भी कमी आएगी। इसीलिए सरकार कृषि ड्रोन तकनीक को बढ़ावा दे रही है। इसके तहत किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) कृषि ड्रोन की लागत का 75त्न तक अनुदान प्राप्त कर सकते हैं। हालाँकि दूसरी ओर कुछ राज्य भारत की कृषि में इस नई तकनीक की उपयुक्तता की जाँच कर रहे हैं। बहरहाल, कृषि के क्षेत्र में ड्रोन के बढ़ते उपयोग को देखते हुए कृषि मंत्रालय ने ड्रोन के माध्यम से कीटनाशकों और पोषक तत्वों के छिडक़ाव के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है, ताकि ड्रोन का सुरक्षित और विवेकपूर्ण उपयोग हो सके। कृषि मंत्रालय ने ड्रोन के उपयोग में रखी जाने वाली सावधानियों को छिडक़ाव के पहले, दौरान और बाद की तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया है। आइये, जानते हैं ड्रोन का उपयोग करने में रखी जाने वाली यह सावधानियां क्या हैं?
छिडक़ाव से पहले – पहले यह पता करें कि आपका कृषि क्षेत्र ड्रोन निषिद्ध क्षेत्र में तो नहीं है? बता दें कि ग्रीन जोन में संचालन के लिए किसी पूर्व अनुमति की जरूरत नहीं है। लेकिन नॉन ग्रीन जोन जैसे हवाई अड्डे के पास, इलेक्ट्रॉनिक स्टेशन में उड़ान भरने के लिए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) से अनुमति लेना ज़रूरी है। उपयोग से पहले यह भी देख लें कि ड्रोन अच्छी स्थिति में हो अर्थात् क्षतिग्रस्त नहीं हो और उड़ान के लिए उपयुक्त हो। ड्रोन को उतने बड़े क्षेत्र में ही उड़ाएं, जहाँ तक सामान्य आंखों से देखा जा सके। इस बात का भी ध्यान रखें कि जिस ड्रोन ऑपरेटर की सेवाएं कृषि कार्य के लिए ले रहे हैं।
कीटनाशक के लेबल के अनुसार सटीक मात्रा में स्प्रे के लिए नोजल आउटपुट सुनिश्चित करने के लिए ड्रोन स्प्रेइंग सिस्टम को कैलिब्रेट अवश्य करें। ड्रोन के टेक ऑफ, लैंडिंग और टैंक मिक्स ऑपरेशन के लिए एक निश्चित स्थान की पुष्टि अवश्य की जानी चाहिए, ताकि सभी बातें स्पष्ट रहें। ड्रोन से कीटनाशक छिडक़ाव के लिए प्रस्तावित कृषि क्षेत्र की जाँच और स्थान को चिन्हित अवश्य करें, ताकि लक्ष्य की स्पष्टता रहे। कीटनाशक का छिडक़ाव करते समय यह सावधानी रखने की दरकार है, कि पानी के स्रोत के पास कीटनाशक का छिडक़ाव न हो। पानी का स्रोत छिडक़ाव वाले स्थान से कम से कम 100 मीटर की दूरी पर होना चाहिए, तभी पानी को प्रदूषित होने से बचाया जा सकता है।
ड्रोन का उपयोग खेत में करने से 24 घंटे पहले ग्राम सभा/ग्राम समिति और स्थानीय कृषि अधिकारी को सूचित करना ज़रूरी है। छिडक़ाव के दौरान केमिकल के आंखों या नाक में जाने से बचाने के लिए ड्रोन ऑपरेटर को पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (पीपीई) किट पहनना जरूरी है। छिडक़ाव के दौरान ऑपरेटर को कोई पेय या धूम्रपान नहीं करें। ड्रोन के इस्तेमाल के समय संचालन दल हमेशा कृषि क्षेत्र के निचले छोर पर रहे। छिडक़ाव संचालन का परीक्षण करने के लिए पहले शुद्ध पानी से स्प्रे करें। पानी में कीटनाशक को पूरी तरह से घोलने के लिए दो चरणों में तनुकरण अवश्य करें और इष्टतम छोटी बूंद स्पेक्ट्रम (> 100 द्ब्र एम) के लिए उचित दबाव अपनाएं। ड्रोन का उपयोग करने से पहले हवा की गति, तापमान और आर्द्रता के लिए मौसम की स्थिति की जाँच जरूरी है, अन्यथा ये स्थितियां छिडक़ाव दक्षता को प्रभावित कर सकती है। साथ ही प्रभावी स्प्रे के लिए टैंक में पानी की मात्रा के साथ ड्रोन की उचित उड़ान ऊंचाई और गति को अवश्य सुनिश्चित कर लेना चाहिए, ताकि कीटनाशक का नुकसान न हो। इस बात का ध्यान अवश्य रखें कि मधुमक्खी परागण के समय छिडक़ाव न करें। तेज हवा के दौरान ड्रोन छिडक़ाव से मानव और पशु को प्रभावित हो सकते हैं, इन्हें बचाने और रसायन के बेहतर उपयोग के लिए एंटी ड्रिफ्ट नोजल का प्रयोग करना चाहिए।
छिडक़ाव के बाद – छिडक़ाव के तुरंत बाद ड्रोन ऑपरेटर और अन्य को स्प्रे जोन से बाहर ताजा हवा वाले क्षेत्र में चले जाना चाहिए। छिडक़ाव के लिए इस्तेमाल किए गए सभी कंटेनरों को धोना चाहिए और छिडक़ाव वाले कृषि क्षेत्र के बारे में लोगों को सूचित करने के लिए चेतावनी चिन्ह अवश्य लगाना चाहिए, ताकि अनजाने में कोई रसायन प्रभावित क्षेत्र में प्रवेश न करें।
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