राज्य कृषि समाचार (State News)

प्राकृतिक खेती से सुधरेगा मृदा स्वास्थ्य

02 नवंबर 2025, डिंडोरी: प्राकृतिक खेती से सुधरेगा मृदा स्वास्थ्य – कृषि विज्ञान केंद्र डिंडोरी के स्वामी विवेकानंद सभागार में राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन के अंतर्गत प्राकृतिक खेती पर कृषि सखियों का पांच दिवसीय प्रशिक्षण  का गत दिनों समापन हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में कलेक्टर श्रीमती अंजू पवन भदौरिया तथा विशेष अतिथि के रूप में श्री दिव्यांशु चौधरी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत डिंडोरी उपस्थित रहे। दोनों अतिथियों ने अपने प्रेरणादायी उद्बोधन से कृषि सखियों का उत्साहवर्धन किया।        

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प्रशिक्षण में मास्टर ट्रेनर के रूप में डॉ. गीता सिंह, श्री अवधेश कुमार पटेल और श्वेता मसराम उपस्थित रहीं। कार्यक्रम में उपसंचालक कृषि सुश्री अभिलाषा चौरसिया, परियोजना संचालक आत्मा डा. नेहा धूरिया, जिला परियोजना प्रबंधक आजीविका मिशन श्रीमती अर्पणा पांडे, उप परियोजना संचालक श्रीमती रुचि टेकाम, अशोक कोरी, कृषि छात्र विशाल वर्मा सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।  अपने स्वागत उद्बोधन में डॉ. गीता सिंह ने बताया कि प्राकृतिक खेती को भारत सरकार द्वारा एक मिशन के रूप में प्रारंभ किया गया है। उन्होंने कहा कि कृषि सखियां ग्राम स्तर पर प्राकृतिक खेती के प्रचार-प्रसार में मील का पत्थर साबित होंगी। प्रशिक्षण में बीजामृत, जीवामृत, वाफसा, आच्छादन, मिश्रित फसल प्रणाली के साथ नीमास्त्र, ब्रह्मास्त्र, आग्नेयास्त्र, दशपर्णी अर्क जैसे प्राकृतिक कीटनाशकों की जानकारी एवं व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया। कार्यक्रम में डिंडोरी जिले के विभिन्न विकासखण्डों से 51 कृषि सखियों ने भाग लिया।   डॉ. नेहा धूरिया ने कहा कि कृषि सखियों की भूमिका क्लस्टर स्तर पर प्राकृतिक खेती मिशन के सफल क्रियान्वयन में अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने बायो रिसोर्स सेंटर की संरचना, कृषि उत्पादक संगठन गठन, मृदा स्वास्थ्य परीक्षण, प्राकृतिक कृषि प्रमाणीकरण पंजीयन, मार्केटिंग और वैल्यू चेन एडिशन पर विस्तृत जानकारी दी।  

श्रीमती रुचि टेकाम ने योजना के क्रियान्वयन में तकनीकी सहयोग एवं तैयारी में विशेष भूमिका निभाई। श्री अवधेश कुमार पटेल ने प्राकृतिक खेती के सिद्धांत, अवधारणा और घटकों पर चर्चा की, जबकि श्वेता मसराम ने प्राकृतिक खेती की आवश्यकता एवं चुनौतियों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का सफल संचालन आत्मा परियोजना कार्यालय एवं कृषि विज्ञान केंद्र डिंडोरी के समस्त स्टाफ के सहयोग से हुआ। समापन सत्र में सामूहिक गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली कृषि सखियों को पुरस्कृत किया गया। प्राकृतिक खेती से न केवल मृदा स्वास्थ्य सुधरेगा, बल्कि किसानों की आय में भी सतत वृद्धि होगी।

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