प्राकृतिक खेती: कम लागत, अधिक लाभ – श्री राकेश सिंह
03 दिसंबर 2025, भोपाल: प्राकृतिक खेती: कम लागत, अधिक लाभ – श्री राकेश सिंह – मध्य प्रदेश सरकार के लोक निर्माण विभाग के मंत्री और प्रयोगधर्मी किसान श्री राकेश सिंह का कहना है कि यदि खेती प्राकृतिक तरीक़े से की जाए तो किसानों को रासायनिक उर्वरकों, कीटनाशकों और अन्य दवाइयों की आवश्यकता लगभग समाप्त हो जाएगी। इससे खेती की लागत घटेगी और उत्पादन भी संतोषजनक मिलेगा।
श्री सिंह के अनुसार, रासायनिक उर्वरकों के अत्यधिक और अनियंत्रित उपयोग से न केवल मिट्टी की सेहत बिगड़ती है, बल्कि किसानों और खेतों में काम करने वाले मज़दूरों में गंभीर बीमारियों—विशेषकर कैंसर—का जोखिम भी बढ़ जाता है।
उनका कहना है कि केमिकल फर्टिलाइज़र के बेहिसाब प्रयोग से मिट्टी कड़क और बेजान हो रही है। भूमि की जल-धारण क्षमता कम होती जा रही है, जिसके कारण सिंचाई का अधिकतर पानी व्यर्थ बह जाता है।
मिट्टी को उर्वरता देने वाले केंचुए गहराई में चले गए हैं और फसलों के हानिकारक कीटों का आहार बनने वाले मित्र कीट भी खेतों से लगभग गायब हो चुके हैं।
इसके उलट, प्राकृतिक खेती में मिट्टी में उपयोगी जीवाणुओं की संख्या बढ़ती है, जिससे फसलों को सभी प्रकार के पोषक तत्व संतुलित रूप में मिलते हैं और पैदावार भी बेहतर होती है।
जबलपुर से चार बार लोकसभा सदस्य रहे लोकप्रिय जनप्रतिनिधि श्री सिंह का कहना है कि किसानों में यह ग़लतफ़हमी है कि प्राकृतिक खेती से उत्पादन घट जाता है। उनके अनुसार, नैसर्गिक तरीक़े से उगी फसलों का स्वाद, रस, रूप और गंध अलग एवं श्रेष्ठ होते हैं।
श्री सिंह ने किसानों से अपील की कि वे प्राकृतिक खेती को अपनाकर अपनी खेती की बढ़ती लागत को कम करें और मिट्टी व स्वास्थ्य दोनों की रक्षा करें।
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