दुग्ध उत्पादन बढ़ाने पर एमपी सरकार का जोर, सीएम ने दिए ये निर्देश
27 नवंबर 2025, भोपाल: दुग्ध उत्पादन बढ़ाने पर एमपी सरकार का जोर, सीएम ने दिए ये निर्देश – मध्यप्रदेश की सरकार ने अब एक बार फिर दुग्ध उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया है और सीएम डॉक्टर मोहन यादव ने भी इस संबंध में निर्देश प्रदान किए है। सीएम ने कहा है कि प्रदेश में गोपालन को बढ़ावा देने के कार्य निरंतर संचालित किए जाएं। दुग्ध सहकारी समितियों की संख्या में निरंतर वृद्धि होना चाहिए। प्रदेश में दुग्ध उत्पादन दोगुना करने के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए पशुपालन और डेयरी विभाग सभी कार्य सुनिश्चित करें। गत दो वर्ष में डेयरी विकास के क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धियां भी अर्जित हुई हैं। इन्हें निरंतर कायम रखा जाए।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंत्रालय में पशुपालन एवं डेयरी विभाग की समीक्षा बैठक में ये निर्देश दिए। बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश में एक वर्ष में करीब 1000 नई दुग्ध सहकारी समितियां गठित की गई हैं। साथ ही 585 निष्क्रिय समितियों को गतिशील बनाया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पशु चिकित्सा एक महत्वपूर्ण आयाम है, इसकी अवहेलना नहीं होना चाहिए। पशु चिकित्सा सेवाओं का विस्तार आवश्यक है। राज्य के पशुधन के मान से चिकित्सक और सेवा भावी स्टाफ की व्यवस्था से युवाओं को रोजगार भी मिलेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश में वर्तमान में कार्यरत पशु चिकित्सालयों और पशु औषधालयों की जानकारी प्राप्त की। बताया गया कि प्रदेश में 1065 पशु चिकित्सालय स्थापित हैं। डॉ. यादव ने रिक्त पदों की पूर्ति शीघ्र करने के निर्देश दिए। बैठक में जानकारी दी गई कि लोकसेवा आयोग द्वारा शीघ्र ही 200 पशु चिकित्सकों के चयन की कार्यवाही पूर्ण की जा रही है। इसी तरह कर्मचारी चयन मंडल ने 500 सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारियों के पदों की पूर्ति के लिए परिणाम घोषित किए हैं। इनकी पदस्थापना भी शीघ्र हो जाएगी। आगामी वर्ष 735 पशु चिकित्सालय स्थापित करने की प्रक्रिया भी संचालित है। बताया गया कि प्रदेश में गौशालाओं को प्रति गाय 20 रुपए के स्थान पर 40 रुपए राशि दी जा रही है। प्रदेश में दुग्ध संघों द्वारा पशुपालकों से खरीदे गए दूध पर प्रति लीटर ढाई रुपए से लेकर साढ़े आठ रुपए तक वृद्धि की गई है। दुग्ध उत्पादकों को दूध के मूल्य के नियमित और समय पर भुगतान के लिए समय- सीमा निर्धारित की गई है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने निर्देश दिए कि गाय के दूध से निर्मित घी, गौ काष्ठ और गौ मूत्र जैसे पदार्थों के विक्रय की बेहतर व्यवस्था बनाई जाए।
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