मध्य प्रदेश में सिंचाई का बड़ा विस्तार: दो साल में 7.31 लाख हेक्टेयर बढ़ा सिंचाई क्षेत्र – मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव
सिंचाई क्षमता को 100 लाख हेक्टेयर तक ले जाने का लक्ष्य, नदियों को जोड़ने की तैयारियाँ तेज
03 दिसंबर 2025, भोपाल: मध्य प्रदेश में सिंचाई का बड़ा विस्तार: दो साल में 7.31 लाख हेक्टेयर बढ़ा सिंचाई क्षेत्र – मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव – मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि पिछले दो वर्षों में प्रदेश में 7.31 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र सिंचाई से जुड़ा है। वर्ष 2026 तक सिंचाई क्षमता में 8.44 लाख हेक्टेयर की और वृद्धि होने जा रही है। राज्य सरकार का लक्ष्य प्रदेश को 100 लाख हेक्टेयर सिंचित क्षेत्र तक पहुँचाना है।
सिंचाई परियोजनाओं की निगरानी और समीक्षा अब प्रधानमंत्री गतिशक्ति पोर्टल के माध्यम से की जाएगी, ताकि योजनाओं की गति और गुणवत्ता सुनिश्चित हो सके।
नदी जोड़ो परियोजनाओं से सिंचाई में बड़ा उछाल
मुख्यमंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार के सहयोग से पार्वती-कालीसिंध-चम्बल और केन-बेतवा जैसी अंतर्राज्यीय परियोजनाएँ प्रदेश के लिए बड़ी उपलब्धि हैं। इसी तर्ज पर राज्य में नदियों को जोड़ने की दिशा में गंभीर प्रयास शुरू किए गए हैं।
राज्य में किए गए सर्वेक्षण के अनुसार ये नदी जोड़ो योजनाएँ प्रस्तावित हैं—
- कान्ह–गंभीर (उज्जैन)
- कालीसिंध–चंबल (मंदसौर, नीमच, उज्जैन)
- केन–मंदाकिनी (सतना)
- शक्कर–पेंच और दूधी–तामिया (सिवनी, छिंदवाड़ा)
- जामनेर–नेवन और नेवन–बीना (रायसेन)
इन परियोजनाओं से 5.97 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की नई सुविधा मिलेगी। कुल अनुमानित लागत ₹9,870 करोड़ है और 7 जिलों के हजारों किसान सीधे लाभान्वित होंगे।
भोपाल मॉडल से कम लागत में सुरक्षित जलाशय
सीएम डॉ. यादव ने भोपाल की प्राचीन झील तकनीक का अध्ययन कर कम लागत में सुरक्षित जलाशय और बांध विकसित करने के निर्देश दिए। विभाग को इस मॉडल का प्रदर्शन तैयार करने को कहा गया है।
चालू परियोजनाओं की प्रगति
जल संसाधन विभाग ने बैठक में प्रमुख परियोजनाओं की प्रगति प्रस्तुत की—
- सेवरखेड़ी–सिलारखेड़ी परियोजना, उज्जैन
- लागत: ₹614.53 करोड़
- प्रगति: 48%
- कान्ह डायवर्सन क्लोज-डक्ट परियोजना, उज्जैन
- लागत: ₹919.94 करोड़
- प्रगति: 42%
- सिंहस्थ 2028 हेतु घाट निर्माण व अन्य कार्य
- लागत: ₹778.91 करोड़
बैठक में जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट, मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
यह सभी प्रयास प्रदेश में सिंचाई सुविधाओं का तेज़ी से विस्तार कर कृषि विकास को नई दिशा देने वाले हैं।
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