मध्यप्रदेश बनेगा फूड प्रोसेसिंग का हब, सरकार ने तय किया 95% प्रोसेसिंग का लक्ष्य
06 अगस्त 2025, भोपाल: मध्यप्रदेश बनेगा फूड प्रोसेसिंग का हब, सरकार ने तय किया 95% प्रोसेसिंग का लक्ष्य – मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि सरकार का लक्ष्य मध्यप्रदेश को फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाना है। अभी प्रदेश में कृषि उत्पादन तो हो रहा है लेकिन उसका सीमित हिस्सा ही प्रोसेस होता है। सरकार ने अब इसे 5% से बढ़ाकर 95% तक प्रोसेसिंग का लक्ष्य तय किया है। इसके लिए नीतियां तैयार की जा रही हैं और किसानों, एफपीओ और उद्योगों को सक्रिय भागीदारी के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
सीएम ने कहा कि एफपीओ (किसान उत्पादक संगठन) सिर्फ फसल खरीदी तक सीमित न रहें, बल्कि खेत से प्रोसेसिंग तक की पूरी श्रृंखला में सक्रिय भूमिका निभाएं। इससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
प्रोसेसिंग के लिए निजी निवेश और सरकार की मदद
राज्य सरकार फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स को बिजली, पानी, भूमि और अनुदान जैसी सुविधाएं दे रही है। मालवा अंचल में आलू चिप्स उत्पादन के लिए बड़ा प्लांट लगाया जा रहा है। साथ ही, एफपीओ को वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक्स के क्षेत्र में भी काम करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
सीएम ने बताया कि रोजगार आधारित इकाइयों में काम करने वाले महिला श्रमिकों को ₹6000 और पुरुषों को ₹5000 प्रतिमाह तक का 10 वर्षों तक अनुदान मिलेगा। इससे फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में युवाओं के लिए भी रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
किसानों को प्रोसेसिंग से जोड़ा जाएगा
डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में सिंचाई रकबा बढ़ाया गया है, जिससे कृषि उत्पादन लगातार बढ़ रहा है। अब सरकार का फोकस है कि किसान अपने उत्पाद को प्रोसेस कर ज्यादा लाभ कमा सकें। उन्होंने एफपीओ से सीधे जुड़ने और खरीद-बिक्री के बजाय प्रोसेसिंग में उतरने की अपील की।
इसके साथ ही सरकार ने किसानों के लिए गेहूं का समर्थन मूल्य ₹2600, तुअर पर टैक्स समाप्त, और कोदो-कुटकी जैसे मोटे अनाज की MSP पर खरीदी जैसी योजनाएं लागू की हैं।
दूध और दुग्ध उत्पादों पर भी फोकस
प्रदेश सरकार मिल्क प्रोसेसिंग को भी फूड प्रोसेसिंग का हिस्सा मानते हुए उसे बढ़ावा दे रही है। दूध उत्पादन को 9% से बढ़ाकर 20% तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है। डॉ. भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना के तहत पशुपालकों को सब्सिडी पर दुधारू पशु दिए जा रहे हैं।
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