चाय किसानों के लिए खुशखबरी: बिहार सरकार पत्ते रखने के लिए गोदाम पर देगी 50% अनुदान
13 अक्टूबर 2025, भोपाल: चाय किसानों के लिए खुशखबरी: बिहार सरकार पत्ते रखने के लिए गोदाम पर देगी 50% अनुदान – बिहार सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। इसके चलते सरकार प्रदेश में उद्यानिकी फसलों की खेती को बढ़ावा दे रही है, ताकि किसानों की आय में बढ़ोतरी हो सकें। इसी कड़ी में सरकार ने प्रदेश में नई चाय विकास योजना 2025-26 लागू की है। इसके तहत चाय की पत्तियां तोड़कर रखने के लिए गोदाम (शेड) बनाने के लिए राज्य सरकार किसानों को 50 प्रतिशत तक की भारी सब्सिडी देगी।
किसानों को मिलेगा 37 हजार से अधिक का अनुदान
बिहार सरकार के कृषि विभाग द्वारा चाय किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से “चाय विकास योजना” के तहत नई पहल शुरू की गई है। इस योजना के अंतर्गत राज्य में जो किसान कम से कम 5 एकड़ भूमि पर चाय की खेती कर रहे हैं, उन्हें चाय की पत्तियों को तोड़कर सुरक्षित रखने के लिए शेड (गोदाम) निर्माण पर सरकार 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी प्रदान करेगी।
वर्तमान में एक शेड के निर्माण की कुल लागत ₹75,000 तय की गई है, जिसमें से eligible किसानों को ₹37,500 तक की वित्तीय सहायता दी जाएगी। यह योजना फिलहाल बिहार के पांच जिलों — किशनगंज, अररिया, सुपौल, पूर्णिया और कटिहार के किसानों के लिए लागू है।
कैसे करें आवेदन?
यदि आप चाय विकास योजना 2025-26 के लिए आवेदन करना चाहते हैं, तो सबसे पहले राज्य सरकार की horticulture.bihar.gov.in वेबसाइट पर जाएं। यहां आपको होम पेज पर जाने के बाद योजना का ऑप्शन चुनना होगा। फिर आपको चाय विकास योजना 2025-26 पर टैप करना है।
फिर आप सीधे लीफ कलेक्शन शेड पर सब्सिडी के लिए अप्लाई करें। इसपर टैप करने के बाद पंजीयन फ़ॉर्म ओपन हो जाएगा। इसके बाद मांगी गई सारी डिटेल्स को अच्छे से फिल करें। इन्हें भरने के बाद आपका आवेदन फॉर्म सक्सेसफुली भर जाएगा।
आपने उपरोक्त समाचार कृषक जगत वेबसाइट पर पढ़ा: हमसे जुड़ें
> नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, व्हाट्सएप्प
> कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें
> कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: E-Paper
> कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: Global Agriculture