State News (राज्य कृषि समाचार)

किसान नरवाई नहीं जलाएं, बल्कि इससे खाद एवं भूसा बनाएं

Share

23 मार्च 2022, इंदौर ।  किसान नरवाई नहीं जलाएं, बल्कि इससे खाद एवं भूसा बनाएं  – कृषि विभाग द्वारा किसानों से अपील की गई है कि वे नरवाई जलाए नहीं, बल्कि  वे नरवाई का उपयोग खाद और भूसा बनाने में करें।  नरवाई जलाना पर्यावरण एवं स्वास्थ्य दोनों के लिये हानिकारक होता है। नरवाई जलाने वालों के विरूद्ध दण्ड दिये जाने का प्रावधान भी है।प्रायः देखा गया है कि किसान फसल काटने के पश्चात नरवाई में आग लगाकर उसे नष्ट कर देते हैं , जिससे भूमि की उर्वरता नष्ट होती है तथा अग्नि दुर्घटना की आशंका भी बनी रहती है। पर्यावरण विभाग द्वारा नरवाई में आग लगाने की घटनाओं को प्रतिबंधित करने हेतु दंड अधिरोपित करने का प्रावधान किया है।

यदि उपलब्ध फसल अवशेषों को जलाने की बजाए उनको वापस भूमि में मिला देते हैं, तो भूमि में कार्बनिक पदार्थ की उपलब्धता, पोषक तत्वों की उपलब्धता में वृद्धि के साथ मिट्टी के भौतिक गुणों में सुधार होता है। इसलिए किसानों से अपील की गई है कि खेतों में नरवाई बिल्कुल नहीं जलाएं। नरवाई का उपयोग खाद एवं भूसा बनाने में करें। फसल अवशेषों को जलाने के बजाए भूमि में मिला देने से काफी लाभ होता है। फसल अवशेषों से प्राप्त कार्बनिक पदार्थ भूमि में जाकर मृदा पर्यावरण में सुधार कर सूक्ष्मजीवी अभिक्रियाओं को उत्प्रेरित करता है। इससे खेत की उर्वरता बढ़ती है। कंबाइन हार्वेस्टर के साथ स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम अथवा स्ट्रा रीपर प्रयोग अनिवार्य रूप से करें l स्ट्रा रीपर यंत्र डंठलों को काटकर भूसे में बदल देता है।

महत्वपूर्ण खबर: यूरिया की तीन इकाइयों के लिये नई निवेश नीति को बढ़ाने की मंजूरी

Share
Advertisements

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *