किसान संगठनों ने गेहूं निर्यात पर लगाई पाबंदी का किया कड़ा विरोध
17 मई 2022, इंदौर । किसान संगठनों ने गेहूं निर्यात पर लगाई पाबंदी का किया कड़ा विरोध – संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े संगठन किसान संघर्ष समिति और किसान मजदूर सेना द्वारा जारी बयान में बताया है कि केंद्र सरकार ने गेहूं के निर्यात पर रोक लगाकर किसानों की कमर तोड़ने का काम किया है ।अब जब गेहूं की फसल मंडियों में बेचने के लिए किसान ला रहा है, तभी निर्यात नीति में बदलाव करके सस्ते में किसानों का गेहूं खरीदने के लिए व्यापारियों को खुली छूट दे दी गई है। किसान संगठनों ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि निर्यात पर से पाबंदी नहीं हटाई तो संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े सभी संगठन आंदोलन को बाध्य होंगे।
संयुक्त किसान मोर्चा के नेता श्री रामस्वरूप मंत्री ,किसान संघर्ष समिति के प्रदेश सचिव श्री दिनेश सिंह कुशवाह, किसान मजदूर सेना मध्य प्रदेश के अध्यक्ष श्री बबलू जाधव और सचिव श्री शैलेन्द्र पटेल ने कहा कि जब मंडियों में किसान गेहूं बेचने ला रहा है ,तब केंद्र सरकार ने गेहूं के निर्यात पर पाबंदी लगा दी है । निर्यात पर पाबंदी की खबर लगते ही गेहूं के भाव 200 से 300 रु प्रति क्विंटल कम हो गए हैं। वैसे भी मध्य प्रदेश की मंडियों में एमएसपी की कीमत से नीचे गेहूं बिक रहे थे और सरकार की इस नीति से गेहूं के भाव धरातल में चले गए हैं।
किसान नेताओं ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने निर्यात पर से पाबंदी नहीं हटाई तो संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े सभी संगठन एकजुट होकर आंदोलन करेंगे । किसान नेताओं का कहना है कि सरकार घोषणाएं तो किसान हितैषी होने की करती है, लेकिन हर बार फैसले किसान विरोधी ही लेती है। गेहूं निर्यात पर पाबंदी लगाना भी किसान विरोधी फैसला है। जिससे किसानों में रोष है। इसे सरकार तुरंत स्थगित करे।