राज्य कृषि समाचार (State News)

मिट्टी की उर्वराशक्ति घटने के लिए रासायनिक उर्वरक जिम्मेदार

वर्ल्ड फूड प्राइज विजेता मृदा वैज्ञानिक डॉ. रतनलाल से बातचीत

लेखक: अतुल सक्सेना

Advertisement
Advertisement

17 दिसंबर 2024, भोपाल: मिट्टी की उर्वराशक्ति घटने के लिए रासायनिक उर्वरक जिम्मेदार – भारत तथा विश्व की बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए सभी को पौष्टिक भोजन के साथ स्वस्थ धरती मिले तथा पर्यावरण सुरक्षित रहे इसके लिए मि‌ट्टी का अपने सम्पूर्ण तत्वों के साथ स्वस्थ रहना आवश्यक है। रासायनिक उर्वरकों के असंतुलित उपयोग के कारण मिट्टी का स्वास्थ्य बिगड़ रहा है इसे उपचार की अत्यंत आवश्यकता है। इसे स्वस्थ रखना हम सब की जिम्मेदारी है। यह विबार वल्र्ड फूड प्राईज तथा पद्मश्री से सम्मानित मृदा वैज्ञानिक डॉ. रतनलाल ने कृषक जगत से एक विशेष मुलाकात में व्यक्त किए। यूएसए की ओहियो यूनिवर्सिटी से जुड़े भारतीय मूल के अमेरिकी वैज्ञानिक डॉ. रतनलाल भारतीय मृदा विज्ञान संस्थान एवं सॉलीडरीडाड द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय मृदा स्वास्थ्य दिवस में भाग लेने भोपाल आए थे।

डॉ. रतनलाल ने बताया कि मिट्टी की घटती उर्बर क्षमता और कॉर्बन के गिरते स्तर के लिए रासायनिक उर्वरकों के असंतुलित प्रयोग जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि मिट्टी के साथ जलवायु के स्वर में सुधार के लिए प्राकृतिक विधियों को पुर्नयोजी खेती के तरीकों से ही सशक्त बनाया जाना होगा। डॉ. रतन लाल ने पौराणिक ग्रंथों के उदाहरण देते हुए कहा कि मिट्टी के स्वास्थ्य और उर्वरता को बढ़ाने के लिए संचेतना बहुत पहले से है। किन्तु उत्पादन की होड़ तथा बढ़ती जनसंख्या की उदरपूर्ति की आवश्यकताओं ने कृषि रसायनों के प्रयोग को जिस अंधाधुध तरीके से बढ़ाया है, उसने प्राकृतिक संतुलन को बुरी तरह से प्रभावित किया है। इसलिए मृदा को अब उपचार की आवश्यकता स्पष्ट महसूस हो रही है।

Advertisement8
Advertisement

2 से.मी. मिट्टी बनने में लगते हजार साल डॉ. रतन लाल ने बताया कि मिट्टी हमारी वैश्विक खाद्य प्रणालियों की नींव है क्योंकि यह पौधों के पोषक तत्वों के अवशोषण का समर्थन करती है और पारिस्थितिकी तंत्र को एक साथ बांधती है। मिट्टी पौधों की वृद्धि के लिए आवश्यक 15-18 प्राक्तिक रूप से पाए जाने वाले रासायनिक तत्वों की आपूर्ति करती है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में, दुनिया की लगभग 33 प्रतिशत मिट्टी को खराब के रूप में वर्गीकृत किया गया है, वहीं केवल 2-3 सेमी मिट्टी बनने में 1000 साल तक का समय लगता है। 2050 तक वैश्विक खाद्य मांग को पूरा करने के लिए, कृषि उत्पादन में 60% की वृद्धि करनी होगी, इसके लिए पर्यावरण के साथ मैत्रीपूर्ण खेती करना जरूरी है I

Advertisement8
Advertisement

डॉ. रतन लाल कौन है?

पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के छात्र रह चुके डॉ. रतन लाल को वर्ष 2020 के वल्र्ड फूड प्राइज से सम्मानित किया गया था। इस पुरस्कार को कृषि क्षेत्र का नोबेल पुरस्कार माना जाता है। डॉ. रतन लाल ओहियो पुनिवर्सिटी (अमेरिका) में ‘कार्बन मैनेजमेंट एंड सेक्वेस्ट्रेसन सेंटर’ के संस्थापक हैं। वह इसके डायरेक्टर भी है। डॉ. रतन लाल ने अपनी रिसर्च की शुरुआत नाइजीरिया के इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल एग्रोकल्बर से की थी। उन्होंने एशिया अफ्रीका और लैटिन अमेरिका में मि‌ट्टी को स्वस्थ बताने के लिए कई प्रोजेक्ट तैयार किए I

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.en.krishakjagat.org

Advertisement8
Advertisement
Advertisements
Advertisement5
Advertisement