राज्य कृषि समाचार (State News)

प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’ और ‘दलहन आत्मनिर्भरता मिशन’ के शुभारंभ का किया प्रसारण

13 अक्टूबर 2025, इंदौर: प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’ और ‘दलहन आत्मनिर्भरता मिशन’ के शुभारंभ का किया प्रसारण – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  द्वारा आज  11 अक्टूबर को एक राष्ट्रीय कार्यक्रम “प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना” और “दलहन आत्मनिर्भरता मिशन”  का शुभारम्भ  पूसा, नई दिल्ली में किया गया।  इसी  परिप्रेक्ष्य  में राष्ट्रीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान के मंडप परिसर में वेबकास्ट कार्यक्रम का आयोजन संस्थान के निदेशक  डॉ  के एच सिंह के नेतृत्व में किया गया। मुख्य अतिथि इंदौर सांसद श्री शंकर लालवानी थे। इस मौके पर बड़ी संख्या में किसान मौजूद थे।

किसानों के साथ संवाद  करते हुए श्री लालवानी ने कहा कि मध्य प्रदेश राज्य सोयाबीन उत्पादन में देश भर में अग्रणी है जिसका श्रेय  प्रधानमन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा आयोजित विभिन्न योजनाओ को जाता है। आज उच्च गुणवत्ता के बीज, अच्छी खाद तथा नकली दवाओं पर रोकथाम, बीज से बाज़ार तक किये गए अन्य प्रयास के बदौलत ही पिछले 11 साल में अनाज का 40% अधिक उत्पादन हुआ है।  मुख्यमंत्री डॉ  मोहन यादव के नेतृत्व में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही भावांतर भुगतान योजना के तहत किसान को सोयाबीन के न्यूनतम समर्थन मूल्य और वास्तविक बिक्री मूल्य के अंतर की क्षतिपूर्ति कर दी जाती है, जो छोटे किसानों के लिए बहुत ही मददगार साबित हुई है। इस कार्यक्रम में स्वयं सहायता समूह, महू से रोमा भारती ने बताया कि वह राष्ट्रीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान, इंदौर से प्रशिक्षण लेने के बाद 350 महिला किसानों सोयाबीन एवं मोटे अनाज के प्रसंस्करण शुरू किया  जिसमें  सोयाबीन के अनेक उत्पाद बना रही हैं। कार्यक्रम के प्रारंभ में SCSP एवं TSP के लाभार्थी द्वारा इस संस्थान द्वारा समय-  समय पर किये जा रहे प्रशिक्षण एवं आदान वितरण जैसे की सोयाबीन के नए एवं उत्तम बीज, खाद, crop cutter machine, सिलाई मशीन की सराहना की. SCSP एवं TSP योजना के अंतर्गत संस्थान द्वारा  सांसद एवं निदेशक  की उपस्थिति में गेहूं वितरित किया गया।

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राष्ट्रीय कार्यक्रम के वेबकास्ट के दौरान भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद् के अध्यक्ष तथा केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया  कि  प्रधानमन्त्री के कार्यकाल में विभिन्न फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में  बढ़ोत्तरी हुई है, प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत देश की विभिन्न किसानों को अब तक 3,90,000 करोड़ रूपये का वितरण किया गया है। सरकार ने यूरिया एवं डी.ए.पी के मूल्य को नियंत्रित कर बाध्य हुए खर्च का बोझ अपने ऊपर लिया है. किसान क्रेडिट कार्ड द्वारा अब तक 10 लाख करोड़ से भी अधिक का लोन वितरित किया जा चूका है।  प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत सब्सिडी और लाभ 1,82,000 किसानों के खाते में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर द्वारा लाभार्थियों के बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिए गए हैं। प्रधान मंत्री मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा अपनाए गए विभिन्न योजनाओं एवं प्रयासों की बदौलत ही भारत में खाद्यान्न में अब तक 40 % की बढोत्तरी हुई है, साथ ही गेहूं, चावल, मक्का, सोयाबीन एवं अन्य फसलों के उत्पादन में  बढ़ोतरी  हुई है।  प्रधान मंत्रीजी की दूरदर्शिता के कारण दलहन उत्पादन को बढ़ावा देने हेतु  आज दलहन आत्मनिर्भरता मिशन शुरू किया गया।  इसके साथ ही अन्त्योदय योजना, पी एम किसान धन्य धान्य योजना, कृषि अवसंरचना कोष आदि योजानायों को लागू किया गया।  प्रधानमंत्री जी का मिशन है  कि  भारत में खाद्यान्न एवं अन्य मानकों की तुलना वैश्विक मानकों से किया जाएगा और भारत इससे भी  आगे  जाएगा। स्वदेशी पैदा करेंगे, स्वदेशी खायेंगे और स्वदेशी खरीदेंगे के नारे के साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी का संकल्प भारत को आत्मनिर्भर भारत से विकसित भारत बनाना है ।

इसके पश्चात  प्रधानमन्त्री  श्री मोदी ने देश के दो भारत रत्न जयप्रकाश नारायण एवं नानाजी देशमुख की जन्मजयन्ती के अवसर पर रिमोट का बटन दबाकर 40,000+ करोड़ से ज्यादा अन्य  परियोजनाओं का शुभारम्भ किया. उन्होंने बताया  कि  विगत 11 वर्षों में कृषि निर्यात  और शहद का उत्पादन दुगुना हो गया।  अनाज का उत्पादन 900 लाख मीट्रिक  टन हो गया, फल, सब्जी के उत्पादन में बढ़ोतरी हुई एवं दूध उत्पादन में भारत आज प्रथम स्थान पर है. उर्वरक बनाने के 6 बड़े कारखाने खोले गए, 100 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में सिंचाई की सुविधा बढ़ी, आकांक्षी  योजनाओं  के तहत पिछड़े हुए 100 जिलों का कृषि क्षेत्र में विकास करना है।  इस योजना के तहत 36 अन्य  योजनाओं  को भी जोड़ा गया है. राष्ट्रीय दलहन मिशन के तहत 30 लाख हेक्टेयर क्षेत्र वृद्धि का लक्ष्य रखा है. खेती की लागत कम करने के लिए प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने का  आह्वान  किया अंत में उन्होंने में यह सन्देश दिया  कि  किसानों ने अन्न उत्पादन में भारत को आत्मनिर्भर बनाया है और अब विकसित भारत बनाने की बारी है।

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