राज्य कृषि समाचार (State News)

इस मौसम में तैयार गेहूं की फसल की कटाई की सलाह

14 अप्रैल 2025, भोपाल: इस मौसम में तैयार गेहूं की फसल की कटाई की सलाह – पूसा ने कृषि कार्य को लेकर किसानों के लिए एडवाइजरी जारी की है। इस मौसम में तैयार गेहूं की फसल की कटाई की सलाह दी गई है। किसान कटी हुई फसलों को बांधकर तथा ढककर रखे अन्यथा तेज हवा या आंधी से फसल एक खेत से दूसरे खेत में जा सकती है। रबी फसल यदि कट चुकी है तो उसमें हरी खाद के लिए खेत में पलेवा करें। हरी खाद के लिए ढैंचा, सनई अथवा लोबिया की बुवाई की जा सकती है। बुवाई के समय खेत में पर्याप्त नमी का होना आवश्यक है।

पूसा संस्थान के वैज्ञानिकों की साप्ताहिक एडवाइजरी में किसानों को हरी खाद के लिए ढैंचा, सनई अथवा लोबिया की बुवाई करने की सलाह दी गई है। फ्रेंच बीन (पूसा पार्वती, कोंटेनडर), सब्जी लोबिया (पूसा कोमल, पूसा सुकोमल), चौलाई (पूसा किरण, पूसा लाल चौलाई), भिंडी (ए-4, परबनी क्रांति, अर्का अनामिका आदि), लौकी (पूसा नवीन, पूसा संदेश), खीरा (पूसा उदय), तुरई (पूसा स्नेह) आदि तथा गर्मी के मौसम वाली मूली (पूसा चेतकी) की सीधी बुवाई के लिए भी यह मौसम अनुकूल है।

Advertisement
Advertisement

एडवाइजरी में कहा गया है कि अनाज को भंडारण में रखने से पहले भंडारघर की सफाई करें तथा अनाज को सुखा लें। दानों में नमी 12 प्रतिशत से ज्यादा नही होनी चाहिए। भंडार घर को अच्छे से साफ कर लें। छत या दीवारों पर यदि दरारें है तो इन्हे भरकर ठीक कर लें। बोरियों को 5 प्रतिशत नीम तेल के घोल से उपचारित करें। बोरियों को धूप में सुखाकर रखें। जिससे कीटों के अंडे तथा लार्वा तथा अन्य बीमारियां नष्ट हो जाएं। पूसा संस्थान के वैज्ञानिकों ने किसानों को सलाह दी है कि कटी हुई फसलों तथा अनाजों को सुरक्षित स्थान पर रखें। इस सप्ताह तापमान बढ़ने की संभावना को देखते हुए किसानों को वैज्ञानिकों ने सलाह दी है कि वो खड़ी फसलों तथा सब्जियों में आवश्यकतानुसार हल्की सिंचाई करें। सिंचाई सुबह या सायं के समय करें जब हवा की गति कम हो। अधिक तापमान से टमाटर, मिर्च एवं बैंगन की फसलों को बचाने के लिए किसानों को सलाह दी जाती है कि 2% Nephthalene acetic acid (NAA) का घोल खड़ी फसलों फर छिड़काव करें, ताकि फलों का विकास अवरुद्ध न हो। टमाटर, मटर, बैंगन फसलों में फलों को फल छेदक कीट से बचाव हेतु किसान खेत में पक्षी बसेरा लगाएं। कीट से नष्ट फलों को इकट्ठा कर जमीन में दबा दें। साथ ही, फलछेदक कीट की निगरानी हेतु 2-3 फेरोमोन ट्रैप प्रति एकड़ की दर से लगाएं। यदि कीटों की संख्या अधिक हो तो बी.टी. 1.0 ग्राम/लीटर पानी की दर से छिड़काव करें। फिर भी प्रकोप अधिक हो तो 15 दिन बाद स्पिनोसेड कीटनाशक 48 ई.सी. 1 मि.ली./4 लीटर पानी की दर से छिड़काव सुबह या सायं के समय करें। 

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

Advertisement8
Advertisement

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

Advertisement8
Advertisement

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.en.krishakjagat.org

Advertisements
Advertisement5
Advertisement