बिहार के 14 हजार किसानों को मिलेगी हाईटेक खेती की ट्रेनिंग, सीखेंगे नई तकनीक और मार्केटिंग कौशल
07 सितम्बर 2025, भोपाल: बिहार के 14 हजार किसानों को मिलेगी हाईटेक खेती की ट्रेनिंग, सीखेंगे नई तकनीक और मार्केटिंग कौशल – बिहार सरकार ने किसानों और युवाओं को आत्मनिर्भर और तकनीकी रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ी पहल की है। राज्य के करीब 14 हजार किसानों और ग्रामीण युवाओं को अब खेती से जुड़ी आधुनिक तकनीकों और बाजार रणनीतियों की विशेष प्रशिक्षण प्रदान की जाएगी। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम न केवल उनकी उपज बढ़ाने, बल्कि उन्हें बेहतर आय और रोजगार से जोड़ने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।
86 संस्थानों में होगा प्रशिक्षण
इस योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए राज्य सरकार ने 86 से अधिक प्रतिष्ठित संस्थानों को शामिल किया है। इनमें केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा (समस्तीपुर), बिहार कृषि विश्वविद्यालय (सबौर), विभिन्न कृषि व उद्यान महाविद्यालय, क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र, कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) और बामेती जैसे संस्थान शामिल हैं। इन केंद्रों में प्रशिक्षकों की देखरेख में किसानों को व्यावहारिक और थ्योरी दोनों स्तर पर प्रशिक्षण दिया जाएगा।
कौशल का होगा मूल्यांकन, मिलेंगे प्रमाण-पत्र
अब तक कई किसान पारंपरिक तरीके से खेती करते आ रहे थे, जिनके पास अनुभव तो था लेकिन तकनीकी प्रमाण-पत्र नहीं। इस योजना के तहत “Recognition of Prior Learning” (RPL) के माध्यम से ऐसे अनुभवी किसानों की पहचान की जाएगी और उन्हें मूल्यांकन के बाद प्रमाण-पत्र दिए जाएंगे। इससे उन्हें “एक्सपर्ट किसान” के रूप में पहचान मिलेगी, जो भविष्य में विभिन्न योजनाओं में उनकी भागीदारी को आसान बनाएगी।
युवाओं के लिए रोजगार और स्वरोजगार के अवसर
यह योजना केवल किसानों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य ग्रामीण युवाओं को भी कृषि क्षेत्र से जोड़ना है। प्रशिक्षित युवाओं को “मास्टर ट्रेनर” के रूप में विभागीय और औद्योगिक योजनाओं से जोड़ा जाएगा। इससे उन्हें स्वरोजगार के साथ-साथ अन्य किसानों को प्रशिक्षित करने का भी अवसर मिलेगा।
ट्रेनिंग में शामिल होंगे खास विषय
कृषि विभाग के अनुसार, इस योजना में 1020 किसानों को डोमेन ट्रेनिंग और 13,290 किसानों व युवाओं को RPL प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण के अंतर्गत निम्नलिखित विषयों को शामिल किया गया है:
1. मशरूम उत्पादन
2. सब्जी एवं बागवानी तकनीक
3. औषधीय पौधों की खेती
4. ड्रिप सिंचाई, मल्चिंग, जैविक खेती जैसी आधुनिक तकनीकें
5. मार्केटिंग और कृषि उत्पादों का मूल्य संवर्धन
खेती को मिलेगा नया आयाम
कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि इस योजना से खेती की पारंपरिक सोच में बदलाव आएगा। नई तकनीक और कौशल के माध्यम से किसान अब सिर्फ उत्पादक नहीं, बल्कि स्मार्ट उद्यमी बन पाएंगे। इससे न केवल उनकी आमदनी में वृद्धि होगी, बल्कि बिहार की कृषि प्रणाली को एक आधुनिक और आत्मनिर्भर मॉडल की ओर ले जाया जा सकेगा।
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