State News (राज्य कृषि समाचार)

गेहूं के लिए उपयुक्त इंडोफिल के उत्पाद

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इंदौर। क्षेत्र के किसान रबी फसल की तैयारियों में लगे हुए हैं। कहीं गेहूं की बोवनी हो गई है, तो कहीं चने की बोवनी की जा रही है। रबी की मुख्य फसल गेहूं में लगने वाले रोगों की रोकथाम के लिए देश की प्रतिष्ठित कम्पनी इंडोफिल इंडस्ट्रीज लि. के उत्पाद उपयुक्त हैं। इनसे गेहूं फसल के कई रोग नियंत्रित होने के साथ ही उत्पादन भी अच्छा होता है।
गेहूं में लगने वाले रोगो और उनके उपचार के लिए इंडोफिल इंडस्ट्रीज लि. के उत्पादों के बारे में कम्पनी के रीजनल मैनेजर श्री इंद्रजीत दीक्षित और मार्केटिंग मैनेजर श्री आशीष उपाध्याय ने किसानों को सलाह दी है कि बोवनी से पहले इंडोफिल के उत्पाद स्प्रिंट ढाई ग्राम/किलो बीज की दर से बीजोपचार करें फिर बोवनी करें। फसल की देखरेख करें। खरपतवार से फसल का 20 -25  प्रतिशत नुकसान होता है।    3-7  पत्ती खरपतवार होने की अवस्था में ग्रोमेट 160 ग्राम+मेटसल्फुरान मिथाइल 8 ग्राम और मकोय होने पर कारफेंटाजोल का स्प्रे साफ पानी के साथ करें। इसी तरह पक्सीनिआ फफूंद से होने वाले  रतुआ रोग में पत्तों पर पीले, काले और भूरे धब्बे होने के साथ पौधों की वृद्धि रुक जाती है। इसे ठीक करने के लिए कम्पनी उत्पाद अवतार का स्प्रे 500 ग्राम /एकड़ की दर से फिलवेट के साथ करें। यदि अल्टरनेरिया फफूंद से पत्तों पर धब्बे आ रहे हैं और पौधे सूख रहे हैं तो इसके लिए इंडोफिल ज़ेड 78  का स्प्रे 500  ग्राम /एकड़ की दर से फिलवेट के साथ करें। इसी तरह बीज जनित रोग कंडुआ से पौधों में बाली जगह काला चूर्ण बन जाता है, जो उड़कर अन्य पौधों को संक्रमित करता है। इसके निदान के लिए सलाह है कि स्प्रिंट दवा से ढाई ग्राम /किलो की दर से बीजोपचार करें। 
इसी तरह फुजेरियम एन्ड हेड स्क्रेब रोग में बालियां और पौधे सूख जताए हैं। इसे रोकने के लिए स्प्रिंट 500  ग्राम + शेयर 500  ग्राम/एकड़ की दर से बालू मिट्टी के साथ डालकर सिंचाई करें। गेहूं की गुड़ाई के बाद दिखने वाले करनाल बंट रोग में गेहूं के दाने एक तरफ से काले पड़ जाते हैं, जिससे गुणवत्ता और उत्पादन प्रभावित होता है। इसे रोकने के लिए धन नमक दवा का स्प्रे 200-250  मिलीलीटर की दर से बाली गाभे में आने पर करें। दीमक रेतीली मिट्टी वाले खेतों में ज्यादा लगती है, जो पौधों को काट कर नुकसान पहुंचाती  है। इसकी रोकथाम के लिए एजेंट प्लस नामक दवा 1 लीटर /एकड़ की दर से पहली सिंचाई से पहले बालू मिट्टी में डालकर करें। माहू बाली के समय ज्यादा आता है, जो बाली के दूध को चूसता है। इसके नियंत्रण के लिए धन नामक दवा और क्लिक 100  ग्राम दवा का छिड़काव फिलवेट के साथ करने से समस्या का समाधान हो जाता है।

 

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