राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

जब कृषि मंत्री चौहान को हाथों में लग गए कांटे, फिर भी हो गए खुश

25 फ़रवरी 2025, नई दिल्ली: जब कृषि मंत्री चौहान को हाथों में लग गए कांटे, फिर भी हो गए खुश – केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को उस वक्त हाथों में कांटे लग गए जब वे तालाब में उतरकर मखाने की बेल लगा रहे थे। हालांकि कांटे लगने के बाद भी वे खुश नजर आए और उन्होंने मखाना उत्पादक किसानों से चर्चा कर उनकी समस्याओं को जाना।

दरअसल केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री चौहान बिहार राज्य में पहुंचे थे और उन्होंने यहां दरभंगा में मखाना उत्पादक किसानों से चर्चा की। इतना ही नहीं श्री चौहान तालाब में भी उतर गए और उन्होंने मखाने की खेती कैसे की जाती है इस संबंध में किसानों से जानकारी प्राप्त की।  कृषि मंत्री ने पोखर में उतर कर मखाने की बेल लगाई। उन्होंने जब बेल हाथ में ली तो पता चला कि उसके ऊपर भी कांटे और नीचे भी कांटे थे। तब उन्होंने कहा कि हम तो केवल मखाने खाते हैं, लेकिन कभी कांटे नहीं देखे। जब हमारे किसान भाई-बहन मखाने की खेती करते हैं उनके लिए जितना लगाना कठिन है, उतना ही निकालना भी कठिन है। केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि मखाना सुपरफूड है, पौष्टिकता का भंडार है, ये मखाना आसानी से पैदा नहीं होता है। मखाना पैदा करने के लिए कितनी तकलीफ सहनी पड़ती है, ये यहां आकर देखा जा सकता है। इसलिए मेरे मन में ये भाव आया कि जिन्होंने किसानों की तकलीफ नहीं देखी, वो दिल्ली के कृषि भवन में बैठकर मखाना बोर्ड बना सकते हैं क्या..? इसीलिए मैंने कहा, पहले वहां चलना पड़ेगा जहां किसान मखाने की खेती कर रहा है। खेती करते-करते कितनी दिक्कत और परेशानी आती है, ये भी हो सकता है कि यहां कार्यक्रम करते और निकल जाते लेकिन इससे भी सही जानकारी नहीं मिलती। कृषि मंत्री ने कहा कि हम उत्पादन बढ़ाने पर काम करेंगे। दूसरा काम हम उत्पादन की लागत को कम करने के लिए करेंगे। और तीसरा काम उत्पादन में आने वाली कठिनाइयों को दूर करने के लिए किया जाएगा। जिससे खेती आसान हो जाए। अब कई पोखर चाहिए, तालाब चाहिए पानी रोकने की व्यवस्था चाहिए, हम लोग विचार करेंगे कि केंद्र और राज्य सरकार की अलग-अलग योजना के तहत ये कैसे बनाए जा सकते हैं।

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