राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

2014 से अब तक किसानों के लिए क्या बदला? संसद में मंत्री शिवराज सिंह ने बताई पूरी कहानी  

06 दिसंबर 2025, नई दिल्ली: 2014 से अब तक किसानों के लिए क्या बदला? संसद में मंत्री शिवराज सिंह ने बताई पूरी कहानी  – केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य सभा में स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने किसानों के लिए तीन बड़े लक्ष्य तय किए हैं – उत्पादन बढ़ाना, लागत घटाना और उपज का सही मूल्य सुनिश्चित करना। मंत्री ने कहा कि सरकार ने 2019 में तय किया कि लागत पर 50% मुनाफा देकर MSP तय की जाएगी, वहीं अब किसानों से तुअर, मसूर व उड़द 100% खरीदी जाएगी, जबकि पिछली सरकार ने कह दिया था कि लागत पर सीधे 50% बढ़ोतरी निर्धारित करने से मंडी में विकृति आ सकती है।

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि हम स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को पूरी तरह मानते हुए कुल लागत पर 50% मुनाफा देकर एमएसपी पर फसल खरीदी कर रहे हैं और कई फसलों पर तो 50% से ज्यादा दाम भी देने का काम कर रहे हैं। 2014 के पहले इतनी खरीद नहीं होती थी और दलहन-तिलहन की फसल के लिए तो 2014 के पहले नाममात्र की खरीदी होती थी। हमने पीएम आशा योजना भी बनाई है। शिवराज सिंह ने कहा कि कई राज्य सरकार खरीदी में ढिलाई करती है, पूरा नहीं खरीदती है, जिससे किसानों को दिक्कत होती है, वहीं हमने तय किया है कि तुअर, मसूर, उड़द राज्य सरकार अगर कम खरीदेगी या नहीं खरीदेगी तो नैफेड जैसी एजेंसी के माध्यम से सीधे भी हम खरीदने का काम करेंगे, ताकि किसानों को ठीक दाम मिल सके।

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10 साल में हुए ये बड़े बदलाव  

मंत्री शिवराज सिंह ने बताया कि 2004 से 2014 के बीच सभी खरीफ की जो एमएसपी फसलें थी, वो केवल 46 करोड़ 89 लाख मीट्रिक टन खरीदी गई थी, जबकि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सरकार ने 81 करोड़ 86 लाख मीट्रिक टन खरीदी की हैं। पिछली सरकार में रबी की फसल 23 करोड़ 2 लाख मीट्रिक टन खरीदी गई थी, वहीं वर्तमान में   सरकार ने 35 करोड़ 40 लाख मीट्रिक टन खरीदी है और अलग-अलग दलहन और तिलहन की खरीदी भी की। पहले तिलहन 47 लाख 75 हजार मीट्रिक टन खरीदी जाती थी पहले, वहीं एनडीए की सरकार ने 1 करोड़ 28 लाख मीट्रिक टन खरीदी है। दलहन 6 लाख मीट्रिक टन 10 साल में खरीदी गई थी, वहीं हमने 1 करोड़ 89 लाख मीट्रिक टन खरीदी है और इस तरह से किसानों को उसके उत्पाद का पूरा दाम देने का हमने प्रयास किया है।

केंद्रीय मंत्र चौहान ने कहा कि कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान उसके प्राण, किसानों का कल्याण ही प्रधानमंत्री और सरकार का सर्वोच्च संकल्प है। हमने MSP तय की,  पिछली सरकार के समय 2013-14 में जितनी MSP दी जाती थी, उससे दोगुनी MSP घोषित करने का काम प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में किया गया है।

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MSP पर खरीद में बढ़ोतरी

शिवराज सिंह ने उपजवार आंकड़े देते हुए बताया कि पिछली सरकार के समय धान, ज्वार, बाजरा, रागी, तुअर, मूंग, उड़द, मूंगफली, सूरजमुखी, गेहूं, जौ, चना, सरसों आदि पर बहुत कम दाम दिए जाते थे, जबकि वर्तमान में एमएसपी काफी बढ़ाकर दी जा रही हैं, साथ ही MSP पर खरीद भी बहुत बढ़ाई गई हैं। शिवराज सिंह ने यह भी कहा कि यह नरेंद्र मोदी सरकार है, जो किसान के हितों की चर्चा करती है। MSP फसलें जो पूर्व के 10 साल में खरीदी गई वह थी, 7 लाख 41 हजार करोड़ रुपये की, वहीं हमने 24 लाख 49 हजार करोड़ रु. की खरीद की है।

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किसानों का कल्याण सर्वोपरि

मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि पिछले साल कर्नाटक की सरकार ने 2024-25 में तुअर खरीदने की बात की, तो हमने कर्नाटक की सरकार से 100 फीसदी खरीद की बाद कही। उन्होंने 100% नहीं, बल्कि केवल 25% की स्वीकृति की मांग की। तब हमने 25% की स्वीकृति दी, लेकिन उतनी खरीद भी नहीं हो पाई। हमने स्वीकृति दी 3,06,150 MT की और कर्नाटक की सरकार ने खरीदी 2,16,303 MT, जो गारंटी है, उससे भी कम। श्री शिवराज ने कहा कि किसानों का कल्याण करना ही हमारा एकमात्र फॉर्मूला है। किसानों को उत्पाद के ठीक दाम देना हमारा संकल्प है और किसानों के हित में इस संकल्प को हम अवश्य पूरा करेंगे। 

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